2000 Cricket Fixing : कौन है बुकी संजीव चावला? जो खोलेगा क्रिकेट में फिक्सिंग के गहरे राज
सट्टेबाज संजीव चावला 2000 मैच फिक्सिंग मामले का मुख्य आरोपी है। चावला लगभग दो दशक के बाद लंदन से भारत आया है।चावला के तार डी-कंपनी से भी जुड़े हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। 2000 मैच फिक्सिंग मामले के मुख्य आरोपी और सट्टेबाज संजीव चावला को भारत वापस लाने में दिल्ली पुलिस को आखिरकार कामयाबी मिल गई है। चावला, लगभग दो दशक के बाद लंदन से भारत आया है। 2000 में हुए मैच फिक्सिंग के मामले ने पूरे क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया था।
2000 मैच फिक्सिंग मामले में दिवंगत दक्षिण अफ्रीकी कप्तान हैंसी क्रोनिए और कई भारत कई पूर्व क्रिकेट सितारों के नाम सामने आए थे। क्रोनिए की एक प्लेन दुर्घटना में मौत हो गई थी। चावला की गिरफ्तारी के बाद क्रिकेट में फिक्सिंग के कई अहम राज खुलेंगे। चावला डी-कंपनी के लिए काम करता था।
दिल्ली पुलिस ने बुधवार को चावला को हिरासत में ले लिया और ब्रिटेन की अदालत से उसके प्रत्यर्पण के लिए कानूनी औपचारिकताएं पूरी की। इसके बाद वह 50 वर्षीय बुकी चावला के साथ दिल्ली के लिए उड़ान भरी। यूके उच्च न्यायालय में चावला द्वारा दायर किए गए अदालती दस्तावेजों के अनुसार, उसने दिल्ली में जन्मे एक व्यवसायी के रूप में अपनी पहचान बताई, जो 1996 में व्यापार वीजा पर यूके चला गया था और वह भारत आता जाता रहा।
चावला को जनवरी-फरवरी 2000 में क्रोनिए से मिलवाया गया था
2005 में, चावला को ब्रिटेन का पासपोर्ट मिला और तब से वह ब्रिटिश नागरिक है। अदालत के सामने पेश किए गए जानकारी के अनुसार चावला को जनवरी-फरवरी 2000 में क्रोनिए से मिलवाया गया था। चावला और एक अन्य व्यक्ति द्वारा क्रोनिए को सुझाव दिया गया था कि अगर वह क्रिकेट मैच हारने के लिए राजी हो जाता है तो वह काफी पैसा कमा सकते हैं। दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम के भारत दौरे के समय क्रोनिए को भुगतान किया गया था। यह दौरा फरवरी-मार्च 2000 में हुआ था।
चावला ने क्रिकेट मैचों को फिक्स करने में अहम भूमिका निभाई
रिपोर्ट्स के मुताबिक संजीव चावला, हैंसी क्रोनिए और अन्य लोगों ने पैसे के बदले में क्रिकेट मैचों को फिक्स करने की साजिश रची, चावला ने इसमें अहम भूमिका निभाई। उसका क्रोनिए के साथ सीधे संपर्क था। क्रोनिए की जून 2002 में एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी।
मामला अप्रैल 2000 में सामने आया
चावला और क्रोनिए दोनों का नाम क्राइम ब्रांच के 70 पेज की चार्जशीट में था। फिक्स किए गए मैच भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 16 फरवरी, 2000 से 20 मार्च 2020 के बीच खेले गए। यह मामला अप्रैल 2000 में सामने आया था। जब दिल्ली पुलिस ने ब्लैक लिस्टेड के बीच हुई बातचीत को इंटरसेप्ट किया। इस दौरान पता चला कि दक्षिण अफ्रीकी कप्तान क्रोनिए ने मैच हारने के लिए पैसे लिए थे।
इंग्लैंड के दो खिलाड़ियों को पैसा ऑफर करने का भी आरोप
चावला पर अगस्त 1999 में इंग्लैंड के दो खिलाड़ियों को पैसा ऑफर करने का भी आरोप है। मार्च 2000 के पहले सप्ताह में दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करते ही चावला को ब्रिटेन चला गया। वह 1996 में पहली बार बिजनेस वीजा पर वहां गए था, लेकिन 2000 में उसका भारतीय पासपोर्ट रद कर दिया गया था और उसे 2005 में ब्रिटिश पासपोर्ट मिला।
2016 में लंदन में गिरफ्तार किया गया
रिपोर्ट्स के अनुसार 14 जून, 2016 को, चावला के प्रत्यर्पण के लिए भारत के अनुरोध के बाद लंदन में गिरफ्तार किया गया था और ब्रिटेन के अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस से जेल में सुरक्षा व्यवस्था और सुविधाओं का विवरण मांगा। चावला द्वारा भारतीय जेलों में सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर सवाल उठाए जाने के बाद ऐसा किया गया।
डी-कंपनी के लिए प्रमुख बुकी रहा चावला
1990 के दशक के अंत में डी-कंपनी के लिए एक प्रमुख बुकी बनने वाले लंदन के व्यवसायी संजीव चावला, लंदन से प्रत्यर्पण करने वाले दूसरे व्यक्ति होगा। ब्रिटेन ने 1992 में भारत के साथ प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए थे। सूत्रों के अनुसार चावला 1990 के दशक में मुंबई के कुछ व्यापारी और डी-कंपनी के संरक्षण में सट्टेबाजी सिंडिकेट चलाता था।
फिक्सिंग कांड को डी-कंपनी का संरक्षण मिला
चावला पर दक्षिण अफ्रीका, भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों के बड़े क्रिकेटरों के माध्यम से मैच फिक्स करने का आरोप है। डी-कंपनी के द्वारा हवाला लेनदेन के माध्यम से फिक्सिंग का काला कारोबार चलाया गया। फिक्सिंग कांड को दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गे छोटा शकील ने संरक्षण दिया था। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 सालों से चावला अपनी पत्नी और दो जवान बेटों के साथ लंदन में रह रहा था। टेम्पल फॉर्च्यून, उत्तरी लंदन में छह बेडरूम की संपत्ति। उसका दक्षिण-पूर्व लंदन के केनिंगटन में कैटरिंग बिजनेस है।
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