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20 हजार कुली और सहायकों को मिलेगी रेलकर्मियों जैसी मेडिकल सुविधाएं

मेडिकल के अलावा इन्हें मुफ्त ट्रेन पास वर्दी और रेस्ट रूम के मामले में भी पहले से बेहतर सहूलियतें देने का निर्णय लिया गया है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 09 Mar 2019 07:11 PM (IST)Updated: Sat, 09 Mar 2019 11:07 PM (IST)
20 हजार कुली और सहायकों को मिलेगी रेलकर्मियों जैसी मेडिकल सुविधाएं
20 हजार कुली और सहायकों को मिलेगी रेलकर्मियों जैसी मेडिकल सुविधाएं

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने रेलवे के 20 हजार लाइसेंसशुदा कुली और सहायकों को रेल कर्मचारियों जैसी मेडिकल सुविधाएं देने का एलान किया है। इसके तहत अब कुली और सहायकों का उनके बीवी-बच्चों सहित रेलवे अस्पतालों में मुफ्त इलाज हो सकेगा।

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इतना ही नहीं इन्हें मुफ्त ट्रेन पास, वर्दी और रेस्ट रूम के मामले में भी पहले से बेहतर सहूलियतें देने का निर्णय लिया गया है। मेडिकल सुविधा अब स्टेशनों पर सामान ढुलाई समेत यात्रियों को विविध सेवाएं देने वाले कुली और सहायक रेलकर्मियों की भांति अपना इलाज रेलवे अस्पतालों में करा सकेंगे। जिन कुली और सहायकों ने अपना नाम प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना में दर्ज कराया है, उन्हें भी यह सुविधा पाने का हक होगा। उनके इलाज पर आने वाला खर्च रेलवे आयुष्मान विभाग से वसूल करेगा।

यूनिफॉर्म कुलियों को अभी हर साल दो सूती लाल शर्ट मिलती हैं। इसके अलावा हर दूसरे साल एक लाल शर्ट के बदले में एक ऊनी शर्ट मिलती है। हालांकि नए नियमों के तहत अब उन्हें हर साल तीन लाल शर्ट और एक ऊनी शर्ट मिलेगी।

रेल पास
अभी सहायकों को एक सेट कंप्लीमेट्री चेक पास तथा एक प्रिविलेज टिकट आर्डर (पीटीओ) खुद और पत्नी के लिए मिलता है। नए नियमों के तहत अब हर साल स्वयं और पत्नी के लिए दो पीटीओ मिलेंगे। यही नहीं, चेक पास की वैधता अवधि को भी दो माह से बढ़ाकर रेल कर्मचारियों के समान पांच महीने कर दिया गया है।

रेस्ट रूम
अभी कुछ स्टेशनों पर ही सहायकों के लिए रेस्ट रूम की सुविधा है। अब 50 से अधिक सहायकों वाले सभी स्टेशनों पर उनके लिए रेस्ट रूम उपलब्ध कराए जाएंगे। इनमें टीवी, आरओ वाटर और बेड आदि जरूरी सुविधाएं होंगी। इसके अलावा सहायकों की सुविधा और हल्की ट्रालियों आदि को आसानी से इधर-उधर कराने के लिए स्टेशनों पर विशेष कॉरिडोर बनाने का निर्णय भी लिया गया है।

बच्चों को मुफ्त शिक्षा
अब सहायक किसी भी डिवीजन के किसी भी रेलवे स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ा सकेंगे। अभी केवल तैनाती वाले रेलवे डिवीजन में ही उन्हें ये सुविधा मिलती है। पोर्टर और सहायकों के लिए किसी अन्य सुविधा का फैसला जोन महाप्रबंधक अपने स्तर पर ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें रेलवे बोर्ड की ओर से अधिकार दे दिए गए हैं।

ट्रैक मेनटेनर को प्रोन्नति का लाभ
पदोन्नति का लाभ देने के लिए रेलवे ने ट्रैक मेनटेनर के पदों के लिए नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत अब शीर्ष तीन श्रेणियों वालों को क्रमश: 10 प्रतिशत, 20-20 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। इससे पहले तीनों श्रेणियों में ट्रैक मेनटेनर का हिस्सा 6 फीसद, 12 फीसद और 12 फीसद था। आगे से सबसे नीचे की श्रेणी 'ट्रैक मेंटेनर-चतुर्थ' में सिर्फ 50 फीसद ट्रैक मेंटेनर होंगे। पहले यह 60 फीसद होते थे।


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