नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। उत्तराखंड में दिल्ली-देहरादून हाईवे पर क्रिकेटर ऋषभ पंत अपनी कार के साथ हुई दुर्घटना में चमत्कारिक ढंग से बच गए, लेकिन देश में इस तरह की घटनाएं अक्सर त्रासदी को जन्म देती हैं। दो दिन पहले मार्ग दुर्घटनाओं को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल 19478 ऐसे हादसे हुए जो अत्यधिक रफ्तार, ध्यान भटकने, सड़क की डिजाइन और खासकर घुमाव को न समझ पाने, टक्कर बचाने की कोशिश के फलस्वरूप ड्राइवर का अपनी गाड़ी पर नियंत्रण खो देने का दुष्परिणाम थे।
9150 लोगों की चली गई जान
इन घटनाओं में 9150 लोगों की जान चली गई और 19077 लोग घायल हुए। चिंताजनक यह है कि ये आंकड़े 2020 की तुलना में बढ़े ही हैं। हादसों में सात और मौतों में 17 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। वैसे 2021 में सड़क दुर्घटनाओं की कुल संख्या 412432 रही, जिनमें 153972 लोगों की जान गई और 384448 लोग घायल हुए। पीछे से टक्कर (21.2 प्रतिशत) के मामले हादसों में सबसे अधिक हैं। इनमें 18.6 प्रतिशत लोगों की जान गई। इसके बाद आमने-सामने की टक्कर (18.5 प्रतिशत दुर्घटनाएं और 17.7 प्रतिशत मौत) का नंबर आता है।
हिट एंड रन और साइड से टक्कर के मामले
आमने-सामने की टक्कर के ज्यादातर मामले संकरी सड़कों, तीखे कर्व, व्यस्त मार्गों और दोतरफा ट्रैफिक में अविभाजित लेन के हैं। रिपोर्ट के अनुसार हिट एंड रन और साइड से टक्कर के मामले भी दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण हैं। लगभग 18 प्रतिशत मौतें इन दो कारणों से होती हैं। पंत की कार डिवाइडर से टकरा जाने के मामले में यह सामने आया है कि सुबह के समय उन्हें झपकी आ जाने के कारण उनका नियंत्रण खो गया। यह गनीमत रही कि पंत की कार दुर्घटनास्थल से करीब दो सौ मीटर पहले एक ब्लैक स्पाट यानी सुरक्षा के लिहाज से जोखिम वाले स्थान से निकली थी।
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