तमिलनाडु में टीटीवी दिनाकरण को बड़ा झटका, 18 विधायक अयोग्य घोषित
अन्नाद्रमुक के दिनाकरण गुट के 18 बागी विधायकों को विधानसभा स्पीकर ने अयोग्य करार दिया।
चेन्नई (एएनआई)। तमिलनाडु राज्य विधानसभा के स्पीकर पी धनपाल ने सोमवार को 18 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। स्पीकर का यह फैसला दिनाकरण के लिए बड़ा झटका साबित होगा।
अयोग्य करार दिए गए अन्नाद्रमुक के इन विधायकों के नामों की लिस्ट भी जारी हो गई है। अयोग्य घोषित विधायकों में थांगा तमिलसेल्वन, सेंथिल बालाजी, पी वेत्रीवल और के मरियप्पन भी शामिल हैं। तमिलनाडु विधानसभा में 1986 पार्टी डिफेक्शन लॉ के तहत प्रवक्ता ने यह आदेश दिया।
18 MLAs backing TTV Dhinakaran disqualified w.e.f. today, under 1986 Tamil Nadu Assembly Members party defection law.
— ANI (@ANI) September 18, 2017
बता दें कि ये विधायक मुख्यमंत्री ई. पलानीस्वामी को हटाए जाने की मांग कर रहे थे लेकिन स्पीकर पी धनपाल ने इन्हें अयोग्य घोषित कर दिया।
जानिए- क्या है मामला
एआईएडीएमके के पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम के गुटों के विलय के बाद भी तमिलनाडु में राजनीतिक घमासान जारी है। इस विलय के बाद पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम ने एआईएडीएमके की महासचिव शशिकला और उनके भतीजे टीटीवी दिनाकरन को पार्टी में अलग-थलग कर दिया है।
इस विलय से नाखुश दिनाकरन गुट के 18 विधायकों ने तमिलनाडु के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव से मुलाकात कर मुख्यमंत्री को हटाने की मांग की थी। विधायकों ने कहा कि पलानीस्वामी के पास बहुमत नहीं है। विधायकों ने राज्यपाल से मिलने से पहले दिनाकरन के आवास पर उनसे मुलाकात की। 18 बागी विधायकों के इस बर्ताव को एआईएडीएमके पार्टी गाइडलाइन का उल्लंघन मानते हुए विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी।
अविश्वास प्रस्ताव लाने की थी तैयारी
दोनों गुटों के विलय के बाद एआईएडीएमके के पास 234 सदस्यों वाली विधानसभा में कुल 134 विधायक हैं। दिनाकरन गुट के 18 विधायकों का समर्थन नहीं मिलने पर पलानीस्वामी की सरकार को विश्वास मत के लिए 118 के आंकड़े को छूने में काफी मुश्किल आएगी।
मुख्य विपक्षी दल डीएमके पहले ही इस बात के संकेत दे चुकी है कि अक्टूबर में विधानसभा के सत्र की शुरुआत होने पर वह अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकती है। पिछला अविश्वास प्रस्ताव अप्रैल में पेश किया गया था। विपक्ष द्वारा पेश किए जाने वाले दो अविश्वास प्रस्तावों के बीच 6 महीने का अंतराल होना जरूरी है।यह भी पढ़ें: तमिलनाडु विधानसभा में 20 सितंबर तक कोई शक्ति परीक्षण नहीं : HC