केंद्र ने हाई कोर्ट में दी जानकारी, विदेशों में फंसे तमिलनाडु के 17 हजार लोग लौटे वापस
वंदे भारत मिशन और ऑपरेशन समुद्र सेतु के जरिए 2 लाख 63 हजार 187 लोगों को विदेशों से वापस लाया जा चुका है।
चेन्नई, पीटीआई। केंद्र सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि कोरोना वायरस की वजह से विभिन्न देशों में फंसे तमिलनाडु के 17,701 लोगों को 50 उड़ानों के जरिए वापस लाया गया है। डीएमके द्वारा दायर एक याचिका पर विदेश मंत्रालय ने जवाबी हलफनामा प्रस्तुत किया, जिसमें कोविड-19 और उड़ानों के निलंबन के कारण तमिल लोगों को विदेश से लाने का ब्योरा मांगा गया था। मंत्रालय ने बताया कि विभिन्न देशों में फंसे तमिलनाडु के 45,242 लोगों ने वापस आने का अनुरोध किया है।
इससे पहले जस्टिस आर सुब्बैया और कृष्णन रामासामी की डिवीजन बेंच के समक्ष बुधवार को सुनवाई के लिए यह याचिका आई थी। विदेश मंत्रालय द्वारा हलफनामा उपलब्ध नहीं होने की वजह से अदालत ने सुनवाई 29 जून तक के लिए स्थगित कर दिया।
मंत्रालय ने जवाबी हलफनामे में कहा है कि विभिन्न देशों में फंसे 4 लाख 87 हजार 303 भारतीय नागरिकों से वापस आने का अनुरोध प्राप्त किया गया है, जिनमें से 2 लाख 63 हजार 187 को वापस लाया जा चुका है। इस मिशन के लिए कुल 1,248 उड़ानों का उपयोग किया जाना है। इसमें कहा गया है कि 'वंदे भारत मिशन' और 'ऑपरेशन समुद्र सेतु' के जरिए गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के अनुसार विदेश से फंसे भारतीयों को वापस लाने का काम किया जा रहा है।
बता दें कि अदालत ने केंद्र को निर्देश दिया था कि वह उन लोगों की संख्या पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे, जिन्होंने स्वदेश लौटने के लिए विदेशों में विभिन्न भारतीय दूतावासों के साथ पंजीकरण कराया है। डीएमके ने अपनी याचिका में तमिलनाडु सरकार से विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने वाले विमानों की लैंडिंग की अनुमति देने के लिए एक निर्देश की मांग कि है। इसके अलावा, अदालत ने 'वंदे भारत' मिशन के तहत लोगों के लिए संचालित की जाने वाली उड़ानों की संख्या पर भी विवरण मांगा था।
कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पाबंदी लगी हुई है। इसके कारण विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए 7 मई से वंदे भारत मिशन की शुरुआत हुई थी। भारत में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4 लाख 73 हजार पहुंच गई है। इसमें से 1.86 लाख एक्टिव केस हैं, जबकि 2.71 लाख लोग स्वस्थ हो चुके हैं।