68 दिनों तक व्रत रखने वाली 13 वर्षीय जैन बालिका आराधना की मौत
68 दिनाें तक वृत रखने वाली जैन बालिका आराधना का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उसके निधन के बाद इस प्रथा के खिलाफ भी आवाजें उठनी शुरू हो गई हैं।
हैदराबाद (जेएनएन)। हैदराबाद में एक 13 साल की लड़की के 68 दिन का उपवास रखने के बाद मृत्यु हो गई।यह लड़की जैन धर्म के पवित्र दिनों 'चौमासा' के दौरान व्रत पर थी और पिछले हफ्ते 68 दिन उपवास के बाद उसकी मौत हो गई। आठवीं में पढ़ने वाली आराधना हैदराबाद के स्कूल में पढ़ती थी। परिवार का दावा है कि 68 दिन के उपवास खोलने के बाद उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कर दिया गया जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। आराधना का पिता ज्वैलरी बिजनेस में हैं और उनकी सिकंदराबाद के पोट बाजार दुकान है।
आराधना के अंतिम संस्कार में कम से कम 600 लोग उपस्थित थे जो उसे बाल तपस्वी के नाम से संबोधित कर रहे थे। यही नहीं आराधना की शव यात्रा को 'शोभा यात्रा' का नाम दिया गया। इस परिवार को जानने वालों का कहना है कि लड़की ने इससे पहले 41 दिन के उपवास भी सफलतापूर्वक रखे थे। वहीं जैन समुदाय की सदस्य लता जैन का कहना है कि यह एक रस्म सी हो गई है कि लोग खाना और पानी त्यागकर खुद को तकलीफ पहुंचाते हैं। ऐसा करने वालों को धार्मिक गुरु और समुदाय वाले काफी सम्मानित भी करते हैं। उन्हें तोहफे दिए जाते हैं। लेकिन इस मामले में तो लड़की नाबालिग थी। मुझे इसी पर आपत्ति है। अगर यह हत्या नहीं तो आत्महत्या तो जरूर है।'
कई लोगों ने सवाल उठाए हैं कि आखिर क्यों लड़की को स्कूल छुड़वाकर व्रत करने के लिए बैठाया गया। इस पर आराधना के दादा मानेकचंद समधरिया ने कहा 'हमने कुछ भी नहीं छिपाया। सब जानते हैं कि अराधना उपवास पर थी। लोग उसके साथ सेल्फी लेते थे। अब कुछ लोग हम पर उंगली उठा रहे हैं कि क्यों हमने उसे 68 दिन तक उपवास करने की अनुमति दी।'
परिवार का कहना है कि व्रत खोलने के दो दिन बाद आराधना बेहोश हो गई और उसे अस्पताल ले जाया गया जहां दिल का दौरा पड़ने से उसका निधन हो गया। काचीगुड़ा स्थानक के महारासा रविंद्र मुनिजी का कहना है कि संथारा ज्यादातर उन बुज़ुर्ग लोगों के लिए होता है जो अपनी पूरी जिंदगी जी चुके होते हैं और मुक्ति की इच्छा रखते हैं। उनके मुताबिक तपस्या या उपवास के लिए किसी के साथ जबरदस्ती नहीं होनी चहिए। उन्होंने इस बच्ची की मौत को त्रासदी बताते हुए इससे सबक लेनेे की अपील की है। वहीं दूसरी ओर बाल अधिकारों की कार्यकर्ता शांता सिन्हा ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज करने की मांग करते हुए बाल अधिकार आयोग से कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है।
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