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छत्तीसगढ़ की अन्वेषा: दादा-दादी के श्रीमद्भागवत प्रेम से आठवीं कक्षा की पोती बन गई कथावाचक

अन्वेषा ने अब तक दस बार श्रीमद्भागवत गीता का पाठ कर चुकी हैं। कथा सुनाते हुए स्वजनों ने उसका एक वीडियो बना लिया है। मां स्वाती मिश्रा ने उसे यू-ट्यूब चैनल पर डाल दिया। बहुत ही कम समय में उसे चार हजार से अधिक लोगों ने पसंद किया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 01:05 AM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 01:05 AM (IST)
आंखें कमजोर होने पर दादी को पढ़ने में होने लगी दिक्कत तो नातिन ने उठाई जिम्मेदारी।

श्रीशंकर शुक्ला, रायपुर। बच्चों का दादा-दादी के प्रति लगाव का अनूठा उदाहरण राजधानी के टिकरापारा इलाके में सामने आया है। यहां रहने वाली 13 वर्षीय छात्रा अन्वेषा मिश्रा दादी के श्रीमद्भागवत कथा का अनुरागी होने के कारण कथावाचक बन गई हैं। दरअसल, आंखें कमजोर हो जाने के बाद दादी को जब भागवत कथा का पठन करने मुश्किल होने लगी तो अन्वेषा को बड़ा दुख पहुंचा। अंग्रेजी माध्यम की कक्षा आठवीं की छात्रा अन्वेषा ने दादी के लिए श्रीमद्भागवत कथा का अभ्यास करना शुरू किया। दो साल वह संस्कृत सीख रही हैं। आज वह इतनी अच्छी कथा सुनाती हैं कि श्रोता सुनते नहीं अघाते। अन्वेषा के कथा के वीडियो यू-ट्यूब पर भी हैं।

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नातिन का दादी के प्रति लगाव भावुकता से भर देने वाला

शुरुआती दौर में भले ही उसे मात्र चार हजार लोगों ने ही पसंद किया हो, लेकिन नातिन का दादी के प्रति लगाव को बताने वाला यह संदर्भ निश्चित तौर भावुकता से भर देने वाला है। टिकरापारा के टैगोरनगर निवासी अन्वेषा ने बताया कि माता-पिता पुलिस विभाग में कार्यरत हैं। इसके चलते उनके पास समय कम रहता है। वह दादा नवल किशोर मिश्रा और दादी शशि मिश्रा के करीब रही है।

श्रीमद्भागवत कथा की पुस्तिका बतौर उपहार भेंट की

दादा-दादी को श्रीमद्भागवत का पाठ करते उसका बचपन गुजरा है। वह जब 11 साल की थी, तब उसके जन्मदिन पर दादा ने उसे श्रीमद्भागवत कथा की पुस्तिका बतौर उपहार भेंट किया था। उन्होंने कहा था कि यह बहुत ही ज्ञान की पुस्तक है। इसे पढ़ा करे।

आंखें कमजोर होने पर दादी को पढ़ने में होने लगी दिक्कत तो नातिन ने उठाई जिम्मेदारी

अन्वेषा बताती हैं कि पहले दादी रोज भागवत कथा का पठन करती थीं, लेकिन जब उनकी आंखें कमजोर हो गई तो पढ़ने में दिक्कत होने लगी। ऐसे में उसने गीता का अभ्यास शुरू किया। धीरे-धीरे इससे लगाव बढ़ता गया। अन्वेषा बताती हैं कि कोरोना के चलते लगे लाकडाउन में टेलीविजन पर रामायण और महाभारत के प्रसारण ने उसके मन में श्रीमद्भागवत गीता के प्रति रचि और बढ़ा दी।

चार हजार लोगों ने वीडियो को किया लाइक

अन्वेषा बताती हैं कि वे अब तक दस बार श्रीमद्भागवत गीता का पाठ कर चुकी हैं। कथा सुनाते हुए स्वजनों ने उसका एक वीडियो बना लिया है। मां स्वाती मिश्रा ने उसे यू-ट्यूब चैनल पर डाल दिया। बहुत ही कम समय में उसे चार हजार से अधिक लोगों ने पसंद किया है। अन्वेषा कहती हैं कि उसने नाम कमाने के लिए गीता पाठ नहीं शुरू किया था, इसलिए लाइक की संख्या उसके लिए मायने नहीं रखती। उसने तो दादी के लिए यह जिम्मेदारी उठाई थी और आज वह इस बात से बहुत खुश है कि दादी को कथा सुना पाती है।


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