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असम में सीएए विरोधी प्रदर्शन में 12 दिन में गिरफ्तार हुए थे 1,026 लोग, मुख्यमंत्री ने विधानसभा में दी जानकारी

राज्य सरकार ने विधानसभा में असम पशु संरक्षण अधिनियम 2021 को और कठोर बनाने के लिए एक संशोधन पेश किया। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री चंद्र मोहन पाटोवरी ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में विधेयक पेश किया।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 20 Dec 2021 10:18 PM (IST)Updated: Mon, 20 Dec 2021 10:28 PM (IST)
असम में सीएए विरोधी प्रदर्शन में 12 दिन में गिरफ्तार हुए थे 1,026 लोग, मुख्यमंत्री ने विधानसभा में दी जानकारी
असम के मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 88 पुलिसकर्मी और 20 नागरिक हुए थे घायल

गुवाहाटी, प्रेट्र। दिसंबर 2019 में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 12 दिन में कुल 1,026 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से 11 को यूए (पी) ए के तहत गिरफ्तार किया गया। असम विधानसभा में सोमवार को यह जानकारी दी गई।

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निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई के सवाल का लिखित उत्तर देते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि 2019 में नौ से 20 दिसंबर तक कुल 88 पुलिसकर्मी और 20 नागरिक घायल हुए। फायरिंग की 25 घटनाएं हुईं जबकि लाठी चार्ज की 19 और 15 जगह आंसू गैस के गोले दागे गए। जिन 11 लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत मामले दर्ज हुए उनमें से छह के खिलाफ एनआइए जांच का आदेश दिया गया।

पशु विधेयक कठोर बनाने के लिए संशोधन पेश

राज्य सरकार ने विधानसभा में असम पशु संरक्षण अधिनियम 2021 को और कठोर बनाने के लिए एक संशोधन पेश किया। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री चंद्र मोहन पाटोवरी ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में विधेयक पेश किया।

उन्मादी भीड़ हिंसा के खिलाफ बन सकता है कानून

असम सरकार ने कहा कि मणिपुर, राजस्थान और बंगाल की तर्ज पर इस राज्य में भी उन्मादी भीड़ हिंसा के खिलाफ विधेयक लोने के प्रस्ताव पर वह विचार करेगी। उन्मादी भीड़ हिंसा की घटनाएं रोकने के लिए काूनन बनाने के मुद्दे का जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री पीयूष हजारिका ने यह जानकारी दी।

असम-नगालैंड सीमा को खाली कराने का अभियान चलाया

असम-नगालैंड सीमा पर करीब 3000 अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से अभियान चलाया गया। सोमवार को कार्बी आंगलोंग जिला प्रशासन और जिले की स्वायत्तशासी परिषद ने यह अभियान चलाया। गौरतलब है कि सीएए के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के कई शहरों में प्रदर्शन हुए थे।

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