खुशखबरी! दिल्ली और मुंबई समेत 102 शहर के लोगों को मिलेगी जहरीली हवा से निजाद
केंद्र सरकार ने प्रदूषण से निपटने की योजना में देश के 312 शहरों को शामिल किया है। विश्व बैंक सहित कई विदेश एजेंसियां इसमें मदद करेंगी। नए साल से शुरु होगा संयुक्त अभियान।
नई दिल्ली, अरविंद पांडेय। देश में बढ़ रहे वायु प्रदूषण से निपटने की सरकार की मुहिम को अब दुनिया का भी साथ मिल गया है। विश्व बैंक सहित दुनिया की कई बड़ी एजेंसियों ने इससे निपटने में भारत को मदद का प्रस्ताव दिया है। इन्होंने साथ मिलकर काम करने की भी इच्छा जताई है।
विश्व बैंक और अन्य एजेंसियों की पेशकश पर भारत भी तैयार हो गया है। इन एजेंसियों के साथ इसे लेकर अंतिम दौर की बातचीत चल रही है। माना जा रहा है कि नए साल से यानि जनवरी 2019 से देश के करीब दर्जन भर शहरों में विदेशी एजेंसियों की मदद से वायु प्रदूषण से निपटने की मुहिम तेज हो जाएगी।
इन शहरों को दी जाएगी प्राथमिकता
सरकार ने वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरों से निपटने की योजना में देश के 312 शहरों को शामिल किया है। प्राथमिकता में फिलहाल 102 ऐसे शहर सबसे ऊपर है, जहां पर प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। इनमें दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद, लखनऊ, कानपुर, पटना, ग्वालियर जैसे बड़े शहर शामिल हैं। जहां केंद्र सरकार, विदेशी एजेंसियों के साथ मिलकर हवा को साफ करने की अपनी मुहिम को तेज करना चाहती है।
इन एजेंसियों ने की है मदद की पेशकश
पर्यावरण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकरियों के मुताबिक फिलहाल इस मुहिम को जिन अन्तरराष्ट्रीय एजेंसियों ने मदद देने की पेशकश की है, उनमें विश्व बैंक के अलावा पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली अमेरिकी एजेंसी ब्लूमबर्ग फिलान्थ्रोपीज, जर्मन एजेंसी जीआईजेड, स्विस डेवेलपमेंट कार्पोरेशन, फ्रांस की संस्था एएफडी (फेंच वित्तीय एजेंसी) जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां शामिल हैं। इन एजेंसियों ने तकनीकी और वित्तीय दोनों तरह की मदद देने का प्रस्ताव किया है। खास बात यह है कि इन एजेंसियों के पास पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने का अनुभव भी है।
दुनिया के 15 प्रदूषित शहरों में से 14 भारत के
गौरतलब है कि दुनिया की इन एजेंसियों ने वायु प्रदूषण से निपटने में भारत की मदद की यह पेशकश उस समय की है, जब दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में 14 भारत के है। साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से वायु प्रदूषण के चलते भारत में गंभीर बीमारियों के बढ़ रहे खतरे के प्रति लगातार आगाह किया जा रहा है। पर्यावरण मंत्रालय ने वायु प्रदूषण से प्रभावित देश के 102 शहरों को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) को शुरु कर रखा है। अंधाधुध रफ्तार से बढ़ते शहरों के चलते यह सारी मुहिम फेल हो रही है। देश में वायु प्रदूषण के बड़े कारणों में धूल और अंधाधुंध निर्माण भी है।