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मुख्तार को मायावती ने बनाया था मोहरा, भाजपा के दिग्गज नेता के सामने लड़ाया चुनाव, अफवाह उड़ी थी- भाई जीत गया…

मुख्तार अंसारी की धमक गाजीपुर और मऊ जनपद के राजनीतिक गलियारे में ही नहीं थी बल्कि उसने अपनी मजबूत पैठ वाराणसी में भी 2009 लोकसभा चुनाव में दिखाई थी। तब भाजपा के दिग्गज नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी मुख्तार अंसारी से काफी करीबी अंतर से जीत सके थे। भाजपा ने 2004 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट गंवा दी थी।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Published: Fri, 29 Mar 2024 04:00 AM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2024 04:00 AM (IST)
मुख्तार को मायावती ने बनाया था मोहरा, भाजपा के दिग्गज नेता के सामने लड़ाया चुनाव, अफवाह उड़ी थी- भाई जीत गया…
मुख्तार को मायावती ने बनाया था मोहरा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। मुख्तार अंसारी की धमक गाजीपुर और मऊ जनपद के राजनीतिक गलियारे में ही नहीं थी बल्कि उसने अपनी मजबूत पैठ वाराणसी में भी 2009 लोकसभा चुनाव में दिखाई थी। तब भाजपा के दिग्गज नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी मुख्तार अंसारी से काफी करीबी अंतर से जीत सके थे।  

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भाजपा ने 2004 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट गंवा दी थी। भाजपा के शंकर प्रसाद जायसवाल को कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. राजेश मिश्रा ने हरा दिया। अपनी सीट वापस पाने के लिए भाजपा ने मैदान में इलाहाबाद के सांसद रहे व भाजपा के दिग्गज नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी को इस सीट से उतारा। 

जोशी के प्रत्याशी बनते ही बनी हॉट सीट

डाॅ. जोशी के प्रत्याशी बनते ही यह सीट प्रदेश की हॉट सीट बन गई तो बसपा ने जेल में बंद मुख्तार अंसारी को प्रत्याशी बनाकर देश-दुनिया की नजर में चढ़ा दिया। डॉ. मुरली मनोहर जोशी को प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज तत्कालीन भाजपा नेता अजय राय को सपा ने टिकट देकर बड़ा दांव खेला। 

मतदान के दिन फैली अफवाह

जेल में रहते हुए भी मुख्तार अंसारी ने अपने खास लोगों को चुनाव प्रचार में लगा दिया था। मतदान तिथि नजदीक आने के साथ इस सीट पर चतुष्कोणीय लड़ाई भाजपा व बसपा के बीच सिमट गई। मतदान के दिन दोपहर में फैली अफवाह कि ‘भाई जीत गया’। गर्मी के चलते मतदाता कम निकल रहे थे जबकि मुस्लिम इलाकों में लंबी लाइन लगी थी। 

मुख्तार की जीत की अफवाह जंगल में आग की तरह फैल गई। इसके बाद भाजपा समर्थक सक्रिय हुए और लोगों को घर से निकाल कर मतदान करने के लिए भेजा। मात्र 42.61 प्रतिशत ही वोटिंग हुई। 

मतगणना के दिन शुरुआती रूझान भी बाहुबली मुख्तार अंसारी के पक्ष में था। अंत में डॉ. मुरली मनोहर जोशी मात्र 17211 मतों से चुनाव जीतने में सफल रहे। इस प्रकार 2009 में भाजपा अपनी प्रतिष्ठा बचाने में तो कामयाब हो सकी थी।

प्रमुख प्रत्याशियों को मिले वोट

डाॅ. मुरली मनोहर जोशी - भाजपा - 2,03122

मुख्तार अंसारी - बसपा - 1,85,911

अजय राय - सपा - 1,23,874

डाॅ. राजेश मिश्रा - कांग्रेस - 66,386।

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