Mukhtar Ansari Life : जब पुलिस वालों ने मुख्तार की गाड़ी रोक कर दी थी यह बड़ी गलती, थर्रा गया था वाराणसी
थाना प्रभारी की तहरीर पर हत्या के प्रयास का मुकदमा लिखा गया। लेकिन उपचार के लिए कबीरचौरा ले जाते समय कांस्टेबल रघुवंश सिंह की मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस हत्या की धारा 302 में मुख्तार को आरोपित किया था। इस मामले में मुख्तार को सजा सुनाया गया था। दरअसल अक्टूबर 1991 में मुगलसराय कोतवाली की पुलिस दुलहीपुर (पड़ाव) के पास वाहनों की जांच-पड़ताल कर रही थी।
जागरण संवाददाता, चंदौली : माफिया डान मुख्तार अंसारी की तूती गाजीपुर वह मऊ में ही नहीं, अपितु पूर्वांचल के दूसरे जिलों में भी बोलती थी। वर्ष 1991 में जनपद के मुगलसराय में मुख्तार अंसारी उसके साथियों ने पुलिस टीम पर जानलेवा हमला कर दिया था। इसमें उप निरीक्षक शेषमणि समेत चार-पांच की संख्या में पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
पुलिस ने हत्या का मुकदमा किया था दर्ज
थाना प्रभारी की तहरीर पर हत्या के प्रयास का मुकदमा लिखा गया। लेकिन, उपचार के लिए कबीरचौरा ले जाते समय कांस्टेबल रघुवंश सिंह की मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस हत्या की धारा 302 में मुख्तार को आरोपित किया था। इस मामले में मुख्तार को सजा सुनाया गया था।
दरअसल, अक्टूबर 1991 में मुगलसराय कोतवाली की पुलिस दुलहीपुर (पड़ाव) के पास वाहनों की जांच-पड़ताल कर रही थी। इसी दौरान मुख्तार व उसके साथी वाहन में सवार होकर आए। पुलिस के रुकने का इशारा करने पर असलहे से फायर कर दिया था। टीम में शामिल पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे।
इस घटना से जनपद (तब वाराणसी) थर्रा गया था। उन दिनों मुख्तार ने अपराध अपराध की दुनिया में कदम ही रखा था। घटना की गूंज राजधानी तक हुई थी। इसके बाद पुलिस टीम ने मुख्तार की सुरागरसी सरगर्मी से की थी, लेकिन वह हाथ नहीं लगा था।