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Mukhtar Ansari: माफिया से माननीय तक का सफर, मुख्तार से कांपते थे अफसर; नहीं आना चाहते थे मऊ

Mukhtar Ansari Death माफिया से माननीय बन मुख्तार अंसारी लगभग तीन दशक तक मऊ का सफर तय किया था। यही नहीं मुख्तार के डर से यहां अफसर आना नहीं चाहते थे। उसके फोन पर कोई भी अफसर तुरंत कार्य करता था। अगर नहीं किया तो उसे मुख्तार अंसारी खुद अपने चट्टी पर बुला लेता था। गाजीपुर के युसूफपुर मुहम्मदाबाद का निवासी था।

By Jaiprakash Nishad Edited By: Aysha Sheikh Published: Sat, 30 Mar 2024 01:38 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2024 01:38 PM (IST)
Mukhtar Ansari: माफिया से माननीय तक का सफर, मुख्तार से कांपते थे अफसर; नहीं आना चाहते थे मऊ
Mukhtar Ansari: माफिया से माननीय तक का सफर, मुख्तार से कांपते थे अफसर; नहीं आना चाहते थे मऊ

जागरण संवाददाता, मऊ। माफिया से माननीय बन मुख्तार अंसारी लगभग तीन दशक तक मऊ का सफर तय किया था। यही नहीं मुख्तार के डर से यहां अफसर आना नहीं चाहते थे। उसके फोन पर कोई भी अफसर तुरंत कार्य करता था। अगर नहीं किया तो उसे मुख्तार अंसारी खुद अपने चट्टी पर बुला लेता था। गाजीपुर के युसूफपुर मुहम्मदाबाद का निवासी था। बावजूद इसके उसने सबसे पहले राजनीतिक जमीन मऊ जिले में बनाई।

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वर्ष 1996 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता कल्पनाथ राय के खिलाफ चुनाव मैदान में कूदा। उसे बहुत कम मतों से हार मिली। हालांकि, उसे अपार समर्थन मिला था। इसके बाद उसने यहीं से अपनी जमीन को मजबूत करने का निर्णय लिया और मऊ में जम गया। इसके बाद लगातार सदर विधानसभा से चुनाव लड़ा और 2017 तक विजयी रहा।

वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में जेल से ही अपने बेटे पर दांव खेला और विजयी बना दिया। बाहुबली मुख्तार अंसारी ने अपने साम्राज्य को फैलाने के लिए राजनीति का सहारा लिया था। उसके विरुद्ध सजा का सिलसिला 21 नवंबर, 2022 को शुरू हुआ था। प्रभावी पैरवी के चलते पहली बार पुलिस उसे कानूनी दांवपेच में पटखनी दे पाई थी।

लखनऊ के आलमबाग थाने में वर्ष 2003 में जेलर को धमकाने के जिस मुकदमे में मुख्तार को एडीजे कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया गया था, उसे सरकार ने 27 अप्रैल, 2021 को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी और इसी मामले में उसे पहली बार सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद 23 सितंबर, 2022 को लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में पांच वर्ष की सजा सुनाई गई।

फिर 15 दिसंबर, 2022 को उसे गाजीपुर में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में 10 वर्ष और 29 अप्रैल, 2023 को गाजीपुर में ही दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में 10 वर्ष कारावास की सजा हुई थी। मुख्तार को पांच जून, 2023 को पहली बार हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

वाराणसी के बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार को कोर्ट ने दोषी ठहराया था। इसके बाद 27 अक्टूबर, 2023 को गाजीपुर में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के ही मामले में 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई थी। इंटर स्टेट गैंग 191 का सरगना मुख्तार अंसारी 25 अक्टूबर, 2005 से जेल में निरुद्ध है।

चुनावी हलफनामे में 22 करोड़ की प्रापर्टी

यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के शपथ पत्र में मुख्तार अंसारी ने अपनी कुल संपत्ति 21.88 करोड़ रुपये बताई थी। इसमें 3.23 करोड़ रुपये कृषि योग्य जमीन, 4.90 करोड़ रुपये की गैर कृषि योग्य जमीन, 12.45 करोड़ की कामर्शियल बिल्डिंग और 1.70 करोड़ की आवासीय बिल्डिंग शामिल थी।


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