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सीढ़ी चढ़ना नहीं होता भाई... जानिए 1991 में निर्वाचित सांसद की कहानी, पांच साल में सिर्फ चार दिन इलाके में आए नजर

Lok Sabha Election 2024 बिहार के कटिहार लोकसभा क्षेत्र से ऐसे भी सांसद हुए जो अपने पूरे पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान सिर्फ चार दिन ही क्षेत्र में रहे। बाकी पूरे पांच साल दिल्ली पटना या हैदराबाद में बिताया। 1991 के लोकसभा के चुनाव में निर्वाचित हुए युनूस सलीम का है जो महज सीढ़ी चढ़ने में परेशानी होने के कारण अपने इलाके में नहीं जाते थे।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Published: Fri, 29 Mar 2024 03:40 PM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2024 03:40 PM (IST)
सीढ़ी चढ़ना नहीं होता भाई... जानिए 1991 में निर्वाचित सांसद की कहानी, पांच साल में सिर्फ चार दिन इलाके में आए नजर
पांच वर्ष के कार्यकाल में सिर्फ चार दिन ही क्षेत्र में रहे युनूस सलीम।

नीरज कुमार, कटिहार। कटिहार लोकसभा क्षेत्र से ऐसे भी सांसद हुए जो अपने पूरे पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान सिर्फ चार दिन ही क्षेत्र में रहे। पूरा पांच वर्ष दिल्ली, पटना या हैदराबाद में बिताया।

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इस वजह से इलाके में आने से कतराते सांसद

जब उनके दल के विधायक व कार्यकर्ता क्षेत्र नहीं आने की शिकायत करते थे तो उनका कहना होता था कि आपके यहां स्टेशन पर जीना (सीढ़ी) चढ़ना होता है। उम्र के लिहाज से परेशानी होती है। इस कारण जरूरी होने पर ही क्षेत्र आते हैं। जो भी काम हो, जब मैं पटना में रहूं, तब करा लें। स्थिति यहां तक बनी थी कि कुछ स्थानों पर सांसद लापता का पोस्टर चस्पा करा दिया था।

सीढ़ी चढ़ने में युनूस सलीम को होती थी परेशानी

बात 1991 के लोकसभा के चुनाव में निर्वाचित हुए युनूस सलीम का है। यहां से सांसद रहने के पूर्व वे राज्यपाल भी रह चुके थे। लगातार जीत दर्ज कर रहे कांग्रेस के तारिक अनवर के खिलाफ उस समय के जनता दल ने उन्हें टिकट दिया था।

नामांकन कराने व चुनाव परिणाम के दिन कटिहार आए। इसके बाद समता पार्टी गठन को लेकर मेडिकल काॅलेज में हुई बैठक में शामिल होने आए थे।

इसके अलावा तीन बार ही अपने कार्यकाल के दौरान कटिहार आए। पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री व तत्कालीन कटिहार सदर के विधायक रहे डा. रामप्रकाश महतो बताते हैं कि यूनूस सलीम जी को सीढ़ी चढ़ने में परेशानी होती थी। उस वक्त पूरे स्टेशन के भवन से होकर ही प्लेटफार्म तक जाना होता था।

एस्केलेटर व लिफ्ट की सुविधा नहीं थी। एक बार पटना में उनसे कहा कि क्षेत्र भी आया कीजिए। इसपर उन्होंने कहा कि तुम्हारे यहां आने में जीना ही मेरे लिए परेशानी है। प्लेटफार्म की सीढ़ी चढ़ने उतरने में परेशानी होती है। इसलिए नहीं आ पाते।

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