Move to Jagran APP

पैतृक गांव चिंदड़ पहुंचे मेघालय के डीजीपी, प्राइमरी स्कूल को किया नमन, ग्रामीणों को दी सलाह

फतेहाबाद के गांव चिंदड़ के अपने दौरे के दौरान डीजीपी बिश्रोई ने सबसे पहले गांव में पहुंचकर गुरु जम्भेश्वर मंदिर में जाकर माथा टेका। बाद गांव के ही शिव मंदिर में जाकर भी पूजा अर्चना की। इसके बाद वो गांव की गोशाला में आयोजित सम्मान समारोह में शिरकत करने पहुंचे।

By Naveen DalalEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 07:10 PM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 07:10 PM (IST)
पैतृक गांव चिंदड़ पहुंचे मेघालय के डीजीपी, प्राइमरी स्कूल को किया नमन, ग्रामीणों को दी सलाह
ग्रामीणों ने भी गांव के बेटे का किया भव्य स्वागत, बच्चों को पढ़ाने पर दिया जोर।

फतेहाबाद, अमित रूखाया। मेघालय के डीजीपी डा. एलआर बिश्रोई वीरवार को अपने पैतृक गांव चिंदड़ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने गांव के मंदिरों में माथा टेका और ग्रामीणों से मुलाकात कर एक कार्यक्रम में शिरकत की। ग्रामीणों को संबोधित करते हुए मेघालय के डीजीपी एवं गांव चिंदड़ निवासी डा. एलआर बिश्रोई ने पर्यावरण सरंक्षण एवं नशे के खिलाफ ग्रामीणों को एकजुट होने का आह्वान किया।

loksabha election banner

गांव की गोशाला में आयोजित सम्मान समारोह में डीजीपी बिश्रोई ने कहा कि नशा आज समाज में युवकों को खाता जा रहा है और हम सिर्फ बैठे बैठे देख नहीं सकते। इसके लिए हर संभव प्रयास करने होंगे। उन्होंने ग्रामीणों से ये भी आह्वान किया कि वो अपने अपने बच्चों को उच्च शिक्षा अवश्य दिलवाएं ताकि आगे जाकर बच्चों को किसी कमी का सामना ना करना पड़े। इस दौरे के दौरान उनकी धर्मपत्नी अंजना बिश्रोई भी उनके साथ रही।

इससे पूर्व गांव के अंदर स्थित प्राइमरी स्कूल को उन्होंने नमन किया और कहा कि अगर गांव में ये स्कूल ना होता तो शायद वो पढ़ ही ना पाते और ना ही इस मुकाम पर पहुंच पाते। प्राइमरी गांव के स्कूल से करने के बाद उन्होंने निकटवर्ती गांव बड़ोपल से आगे की पढ़ाई पूरी की। गांव चिंदड़ के अपने दौरे के दौरान डीजीपी बिश्रोई ने सबसे पहले गांव में पहुंचकर गुरु जम्भेश्वर मंदिर में जाकर माथा टेका और इसके बाद गांव के ही शिव मंदिर में जाकर भी पूजा अर्चना की। इसके बाद वो गांव की गोशाला में आयोजित सम्मान समारोह में शिरकत करने पहुंचे।

इस दौरान उन्होंने गांव बड़ोपल में हिरणों के सरंक्षण क्षेत्र को देखने की इच्छा भी जताई जिसके बाद गांव बड़ोपल निवासी वन्यजीव प्रेमी विनोद कड़वासरा ने उनकी इच्छा को पूरी करने का आश्वासन दिया। गौरतलब है कि डीजीपी एलआर बिश्रोई मेघालय डीजीपी का कार्यभार संभालने से पहले असम में एडीजीपी थे और कुछ समय पहले ही उन्हें मेघालय डीजीपी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस मौके पर उनके साथ गांव चिंदड़ के सरपंच रहे प्रधान मांजू, खाराखेड़ी के सरपंच रहे राजेंद्र खिलेरी, संतलाल एवं उनके मित्र सुरेंद्र नारंग मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.