'बड़ी कठिन है डगर'... इस पोलिंग बूथ तक पहुंचने के लिए तय करना पड़ा है 100 KM का सफर, आठ किलोमीटर का पैदल रास्ता
हरिद्वार संसदीय क्षेत्र में पड़ने वाली डोईवाला विधानसभा के पर्वतीय गांव नाहीकलां का सतेली पोलिंग बूथ। विधानसभा क्षेत्र का यह सबसे दूरस्थ पोलिंग बूथ है जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को रोड हेड से डेढ़ किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। प्राथमिक विद्यालय सतेली में बने इस पोलिंग बूथ की डोईवाला तहसील से दूरी 32 किमी है जिसमें आठ किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है।
महेंद्र सिंह चौहान, डोईवाला। हरिद्वार संसदीय क्षेत्र में पड़ने वाली डोईवाला विधानसभा के पर्वतीय गांव नाहीकलां का सतेली पोलिंग बूथ। विधानसभा क्षेत्र का यह सबसे दूरस्थ पोलिंग बूथ है, जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को रोड हेड से डेढ़ किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है।
हालांकि, रोड हेड तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को वाया रायपुर-धनोल्टी-कद्दूखाल-लालपुल-मराड़ा पुल-बनाली होते हुए लगभग सौ किमी का सफर तय करना पड़ता है। उस पर सतेली पोलिंग बूथ ऐसे विद्यालय में स्थापित है, जो छात्र संख्या शून्य होने के चलते दो वर्ष पूर्व बंद हो चुका है।
आठ किलोमीटर चलना पड़ता है पैदल
प्राथमिक विद्यालय सतेली में बने इस पोलिंग बूथ की डोईवाला तहसील से दूरी 32 किमी है, जिसमें लगभग आठ किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। यह रास्ता डोईवाला से हल्द्वाड़ी गांव होते हुए सतेली तक पहुंचता है। हालांकि, पोलिंग पार्टी को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े, इसके लिए उसे टिहरी जिले से होकर सतेली पहुंचाया जाता है।
पोलिंग बूथ में 124 मतदाता
यह रास्ता देहरादून जिले के रायपुर से धनोल्टी, कद्दूखाल, लालपुल, मराड़ा पुल व बनाली होते हुए सतेली पहुंचता है। उपजिलाधिकारी डोईवाला अपर्णा ढौंडियाल ने बताया कि इस पोलिंग बूथ में 124 मतदाता हैं। उन्हें और पोलिंग पार्टी को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
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