Varanasi News: महाश्मशान मणिकर्णिका के साथ इस घाट का भी बदलेगा स्वरूप, अब यहां जलेगा शव
Varanasi News हरिश्चंद्र घाट का पुनर्विकास 13250 वर्ग फीट क्षेत्र में होगा। इसमें दाह संस्कार का भी क्षेत्र होगा। घाट पर पंजीकरण कक्ष सामुदायिक वेटिंग एरिया शौचालय रैंप आदि का निर्माण होगा। स्टोर रूम कोर्ट यार्ड सर्विस एरिया अपशिष्ट संग्रह व्यवस्था सड़क आदि निर्माण शामिल है। घाट की सीढ़ियों से लगायत जन की समस्त सुविधाओं को नक्शे में समाहित किया गया है।
विकास ओझा, जागरण वाराणसी। Varanasi News महाश्मशान मणिकर्णिका के साथ ही राजा हरिश्चंद्र घाट भी नए स्वरूप में दिखेगा। जमीनी स्थितियों को देखते हुए लेआउट में मामूली बदलाव किया गया है। इसकी ऊंचाई भी कुछ बढ़ाई गई है। कवर्ड दाह संस्कार क्षेत्र में पांच से अधिक शव एक साथ जल सकेंगे।
इसका नाम मोक्ष द्वार रखा गया है। दाह संस्कार क्षेत्र लगभग 6200 वर्गफीट में होगा। इसमें जलते शव दूर से नहीं दिखेंगे। इसके अलावा घाट की सीढ़ियों से लगायत जन की समस्त सुविधाओं को नक्शे में समाहित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका शिलान्यास सात जुलाई 2023 में किया था।
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बहरहाल, अब इस पर कच्छप गति से कार्य शुरू हो गया है। अगले साल तक यह घाट पुरातनता को समेटे नव्य-भव्य रूप में दिखेगा। इस पर सरकार की ओर से एक पैसा खर्च नहीं किया जाएगा। इसका निर्माण सीएसआर फंड से हो रहा है। नामी कंपनी जिंदल ग्रुप की ओर से इस पर कुल 16.86 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
हरिश्चंद्र घाट का पुनर्विकास 13,250 वर्ग फीट क्षेत्र में होगा। इसमें दाह संस्कार का भी क्षेत्र होगा। घाट पर पंजीकरण कक्ष, सामुदायिक वेटिंग एरिया, शौचालय, रैंप आदि का निर्माण होगा। स्टोर रूम, कोर्ट यार्ड, सर्विस एरिया, अपशिष्ट संग्रह व्यवस्था, सड़क आदि निर्माण शामिल है।
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यहां पर पार्किंग बड़ी समस्या
हरिश्चंद्र घाट पर पार्किंग की सबसे बड़ी समस्या है। लेआउट में भी पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है लेकिन बताया जा रहा है कि इसके लिए जमीन की तलाश हो रही है। पार्किंग की व्यवस्था हो जाएगी तो लोगों को खासी राहत मिलेगी।
आकर्षण का केंद्र होगी यहां की हरियाली
हरिश्चंद्र घाट पर लान भी होगा। हरियाली का भी खास इंतजाम रहेगा। दूरदराज से इस घाट को देखने के लिए आने वाले पर्यटकों की सुविधा का भरपूर ध्यान रखा गया है। घाट पर एक अलग से मार्ग निर्माण भी होगा ताकि घाट को निहारते हुए लोग दूसरे घाट के लिए आसानी से जा सकें।