KK Pathak के शिक्षा विभाग ने दे दिया नया ऑर्डर, अब 48 घंटे के भीतर अधिकारियों को करना होगा ये काम; नहीं तो...
KK Pathak केके पाठक के शिक्षा विभाग ने नया ऑर्डर दे दिया है। अधिकारियों को 48 घंटे का अल्टिमेटम मिला है। इस समय सीमा में अधिकारियों को एक काम करना जरूरी है। मामला स्कूलों के निरीक्षण और आवास से जुड़ा है। शिक्षा विभाग ने एक साथ दो ऑर्डर दिए हैं। अधिकारियों को हर हाल में उनका पालन करना होगा।
जागरण संवाददाता, पटना। KK Pathak पटना जिले के सरकारी स्कूलों के निरीक्षण कार्य में रुचि नहीं लेने की वजह से मंगलवार को सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की ऑनलाइन बैठक आयोजित की गयी। बैठक की अध्यक्षता जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने की।
इस दौरान उन्होंने सभी निरीक्षण पदाधिकारियों को अपने पोषण क्षेत्र में रहकर ही प्रतिदिन 10 स्कूलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया। दरअसल इसके पीछे का कारण बताया गया कि प्रखंड में पदस्थापित अधिकतर पदाधिकारी और कर्मी जिला मुख्यालय में आवास लेकर रहते हैं। जिस वजह से तय सीमा के अंदर निरीक्षण नहीं कर पा रहे हैं।
प्रखंड में पदस्थापित पदाधिकारी एवं कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने प्रखंड या अनुमंडल मुख्यालय में 48 घंटे के अंदर आवास लेकर रहना सुनिश्चित करेंगे। आवासन की पूरी व्यवस्था की सूचना डीईओ कार्यालय को मेल के माध्यम से देनी होगी।
फोटो व्हाट्सएप ग्रुप में भेजने का निर्देश
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने इस पर आपत्ति जताते हुए सभी 329 निरीक्षणकर्ताओं को प्रतिदिन अनिवार्य रूप से निरीक्षण कर फोटो व्हाट्सएप ग्रुप में भेजने का निर्देश दिया है।
डीईओ की मानें तो 15 अप्रैल को प्रमुख सचिव शिक्षा विभाग द्वारा सभी निरीक्षण कर्ताओं को प्रत्येक कार्य दिवस में 10 स्कूलों का निरीक्षण कर कैमरे से फोटो लेकर व्हाट्सएप ग्रुप में भेजने का निर्देश दिया है।
कमजोर बच्चों को प्रतिदिन दो घंटे पढ़ा दक्ष बनाएंगे शिक्षक
राज्य में जारी शिक्षा सुधार अभियान के तहत आए दिन नए नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इनमें से कुछ के जहां सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं, वहीं कुछ शिक्षकों व छात्रों के लिए परेशानी का सबब भी बन रहे हैं। विभाग का नया प्रयोग स्कूलों में ग्रीष्मावकाश पर हुआ है।
आमतौर पर सरकारी स्कूलों में ग्रीष्मावकाश मई के अंतिम सप्ताह से जून के पहले पखवारे में शुरू होता था। काफी लंबे समय से यही परिपाटी चली आ रही थी, लेकिन इस वर्ष से शिक्षा विभाग ने इस परिपाटी को बदल दिया है। पहली बार सरकारी स्कूलों में ग्रीष्मावकाश 15 अप्रैल से 15 मई तक किया गया है।
इसमें कमजोर बच्चों को प्रतिदिन स्कूल आना है। शिक्षकों को भी ग्रीष्मावकाश में भी नियमित विद्यालय आना है। सरकारी स्कूलों में ग्रीष्मावकाश शुरू होने के साथ ही दक्ष कक्षाएं भी लगनी शुरू हो गई हैं।
विभाग ने सरकारी स्कूलों में ग्रीष्मावकाश अवधि में पठन-पाठन में कमजोर बच्चों के लिए दो घंटे की विशेष दक्ष कक्षाएं संचालित करने का निर्देश जारी किया है। जिसके तहत सोमवार से जिले के स्कूलों में सुबह आठ से 10 बजे तक दक्ष कक्षाएं लगनी शुरू हो गई हैं।
अनुपस्थित रहे छात्रों को भी विशेष दक्ष कक्षा में शामिल होना होगा
प्रारंभिक विद्यालयों में तीसरी से आठवीं कक्षा तक के वैसे छात्र जो पठन-पाठन में कमजोर हैं, वैसे छात्रों के लिए ग्रीष्मावकाश में प्रतिदिन दो घंटे की दक्ष कक्षाएं संचालित की जा रही है। वहीं पांच व आठवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण या अनुपस्थित रहे छात्रों को भी विशेष दक्ष कक्षा में शामिल होना है।
एक महीने की विशेष दक्ष कक्षा के बाद इन छात्रों की परीक्षा ली जाएगी। फिर इन्हें अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। दक्ष कक्षा के बाद इन छात्रों को विद्यालय में मध्यान्ह भोजन भी कराया जाएगा फिर इन्हें छुट्टी दी जाएगी।
हाई और प्लस टू स्कूलों में विशेष कक्षाओं का संचालन समय सुबह आठ से 10 बजे तक निर्धारित विशेष दक्ष कक्षाएं केवल प्रारंभिक विद्यालयों में ही संचालित नहीं होंगी, बल्कि हाई व प्लस टू स्कूलों में भी संचालित की जाएंगी।
हाई व प्लस टू स्कूलों में ग्रीष्मावकाश अवधि में संचालित कक्षाओं को विशेष कक्षा का नाम दिया गया है। इसमें नौंवी व 11 वीं की वार्षिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण या गैरहाजिर रहे छात्रों को शामिल किया गया है। ऐसे छात्रों के लिए ग्रीष्मावकाश अवधि में प्रतिदिन दो घंटे की विशेष कक्षाएं संचालित की जा रही है।
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