Avalanche In Kedarnath: केदारनाथ धाम से 7 किलोमीटर पीछे आया एवलांच, इसके अध्ययन को विशेषज्ञों की समिति गठित
Avalanche In Kedarnath केदारनाथ धाम से सात किमी पीछे पहाड़ों पर एवलांच आया। बीते आठ दिन में केदारनाथ की पहाड़ी पर दूसरी बार एवलांच आया है। धाम में मंदाकिनी और सरस्वती नदी के जलस्तर में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: Avalanche In Kedarnath केदारनाथ धाम से सात किलोमीटर पीछे शनिवार को दूसरी बार एवलांच देखा गया, हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है। इससे पहले बीती 22 सितंबर को भी मंदिर के पीछे एवलांच देखा गया था। डीएम ने केदारननाथ में पुलिस बल के साथ समस्त जवान एवं कर्मचारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
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— Sunil Negi (@negi0010) October 1, 2022
शनिवार सुबह साढ़े पांच बजे आया एवलांच
शनिवार को सुबह साढ़े पांच बजे केदारनाथ धाम से सात किलोमीटर दूरी पर एक बार फिर एवलांच (Avalanche In Kedarnath) देखा गया। पहाड़ी से बर्फ का हिस्सा टूटने के साथ ही धुएं का सा गुबार दिखाई दिया। हालांकि इस घटना में किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
केदारनाथ में नदी के जलस्तर में नहीं हुई कोई वृद्धि
मंदाकिनी एवं सरस्वती नदी के जलस्तर में कोई वृद्धि नहीं हुई। केदारपुरी में दूसरी बार एवलांच (Kedarnath Avalanche) देखने पर व्यापारियों और तीर्थयात्रियों में कुछ देर तक खौफ का माहौल बन गया। इससे पूर्व गत 22 सितंबर को एवलांच देखा गया था।
सभी कर्मचारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश
डीएम मयूर दीक्षित ने धाम में तैनात एनडीआरएफ (NDRF), एसडीआरएफ (SDRF), डीडीआरएफ, पुलिस समेत सभी कर्मचारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में यात्रा (Kedarnath Yatra) का संचालन सुचारू रूप से हो रहा है।
एवलांच आना एक सामान्य घटना
बताया कि हिमालय में एवलांच (Avalanche) गिरने की एक सामान्य घटना है, लेकिन सभी को सतर्क किया गया है। केदारनाथ में कार्य कर रही सभी निर्माणदायी संस्था और पुलिस को भी निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित
केदारनाथ धाम ( Kedarnath Dham) के नजदीक हुई हिमस्खलन की घटना को देखते हुए इस क्षेत्र के सर्वेक्षण व स्थलीय अध्ययन के लिए शासन ने विशेषज्ञों की समिति गठित कर दी है। इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह समिति जल्द ही अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट शासन व उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपेगी।