Jharkhand Mining : घाटकुरी आयरन ओर ब्लाक-1 व 2 के लिए फिर निकला ई-टेंडर
Jharkhand Mining माइनिंग के लिए जो कंपनी बोली लगायेगा उसी के नाम खनन पट्टा दिया जायेगा। यहां बता दें कि पूर्व में दो बार लौह अयस्क ब्लाक की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गयी थी। दोनों बार सरकार इसमें असफल साबित हुई। अब तीसरी बार प्रक्रिया शुरू हुई है...
सुधीर पांडेय, चाईबासा : राज्य सरकार ने एक बार फिर से पश्चिमी सिंहभूम जिले में लौह अयस्क की बंद खदानों को खोलने की कवायद शुरू की है। सरकार के खान एवं भूतत्व निदेशालय की ओर से 18 अगस्त को जिले के नोवामुंडी प्रखंड में अवस्थित घाटकुरी आयरन ओर ब्लाक-1 औ घाटकुरी आयरन ओर ब्लाक-2 के लिए इलेक्ट्रानिक टेंडर का नोटिस निकाला है।
दोनों ब्लाक की खुली बोली के लिए निविदा 7 सितंबर 2022 को खोली जायेगी। निदेशक (भूतत्व) विजय कुमार ओझा ने इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए बताया कि 31 मार्च 2020 को पश्चिमी सिंहभूम जिले में समाप्त हुए 05 लौह अयस्क एवं मैंगनीज खनिज के खनन पट्टों को नीलामी के लिए तैयार कर नीलामी की प्रक्रिया राज्य में प्रारंभ की गई है जिसमें से 02 लौह अयस्क खनिज ब्लाक घाटकुरी-1 व घाटकुरी-2 की नीलामी की प्रक्रिया जनवरी माह से प्रारंभ की गयी थी। उसे कतिपय अवरोधों की वजह से स्थगित करना पड़ा था। अब दोनों ब्लाक की नीलामी की प्रक्रिया पुन: प्रारंभ की गयी है।
अन्य खनिजों का माइंस में जल्द होगा उपलब्ध
इसके अतिरिक्त राज्य में बाक्साइट खनिज के 04, ग्रेफाइट के 03, चूना पत्थर के 03 खनिज ब्लाक की नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। अगले दो माह में स्वर्ण खनिज की 02 तथा कापर खनिज का 01 ब्लाक राज्य में नीलामी के लिए उपलब्ध हो जायेगा। निदेशक ने बताया कि घाटकुरी आयरन ओर ब्लाक-01 का क्षेत्रफल करीब 149 हेक्टेयर है।
इस क्षेत्र में लगभग 202 मिलियन टन लौह अयस्क खनिज के भंडारित होने का अनुमान है। इसी तरह घाटकुरी आयरन ओर ब्लाक-2 का क्षेत्रफल करीब 138 हेक्टेयर है। यहां लगभग 74 मिलियन टन लौह अयस्क खनिज भंडारित है। दोनों ब्लाक की ई-नीलामी करायी जा रही है। जो ज्यादा बोली लगायेगा उसी के नाम खनन पट्टा दिया जायेगा। यहां बता दें कि पूर्व में दो बार लौह अयस्क ब्लाक की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गयी थी। दोनों बार सरकार इसमें असफल साबित हुई। अब तीसरी बार प्रक्रिया शुरू की गयी है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि सरकार लौह अयस्क की ई-नीलामी कराने में कहां तक सफल हो पाती है।
भूतत्व विभाग के निदेशक विजय कुमार ओझा का कहना है कि हम लोग पूर्वी सिंहभूम के गुड़ाबांदा में मिले पन्ना खनिज का भी ब्लाक तैयार कर रहे हैं। भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण तथा भूतत्व निदेशालय सहित विश्व के उपलब्ध प्रतिष्ठित अन्वेषण संस्थानों के द्वारा अन्वेषण का कार्य संपादित किया गया है। उसी के आधार पर आगे का अन्वेषण किया जाना प्रस्तावित है।