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Jharkhand: उत्पाद विभाग ने घटाया 500 करोड़ का राजस्व लक्ष्य, नए वित्तीय वर्ष की स्थिति अबतक स्पष्ट नहीं

Jharkhand Excise Department झारखंड में नई शराब नीति के चलते राजस्व में गिरावट को देखते हुए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में अपने राजस्व लक्ष्य को करीब 500 करोड़ रुपये घटा लिया है जिससे विभाग ने नए लक्ष्य को लगभग पूरा भी कर लिया है।

By Dilip KumarEdited By: Prateek JainPublished: Fri, 24 Mar 2023 09:29 PM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2023 09:29 PM (IST)
Jharkhand: उत्पाद विभाग ने घटाया 500 करोड़ का राजस्व लक्ष्य, नए वित्तीय वर्ष की स्थिति अबतक स्पष्ट नहीं
उत्पाद विभाग ने घटाया 500 करोड़ का राजस्व लक्ष्य, नए वित्तीय वर्ष की स्थिति अबतक स्पष्ट नहीं

रांची, राज्य ब्यूरो: झारखंड में नई शराब नीति के चलते राजस्व में गिरावट को देखते हुए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में अपने राजस्व लक्ष्य को करीब 500 करोड़ रुपये घटा लिया है।

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विभाग ने 2500 करोड़ के राजस्व लक्ष्य को कम करते हुए अपना पुनरीक्षित अनुमान 2050 करोड़ रुपये कर लिया है।

विभाग ने अपने नए लक्ष्य को लगभग पूरा भी कर लिया है। विभागीय अधिकारी की माने तो उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने अब तक करीब 2000 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य पूरा भी कर लिया है।

आगामी वित्तीय वर्ष में कैसे बिकेगी शराब, अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं

उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 में शराब की कैसे बिक्री करेगा, यह अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। सरकार उहापोह में है।

वित्तीय वर्ष के समापन में अब चंद दिन ही बचे हैं, लेकि‍न अब तक न नई प्लेसमेंट एजेंसी का चयन हो सका और न हीं लाइसेंस नवीनीकरण की दिशा में ही कोई ठोस आदेश-निर्देश ही निर्गत हुआ। सभी जिले के उपायुक्त अलर्ट मोड में हैं और विभागीय आदेश का इंतजार कर रहे हैं।

शराब व्यवसायियों ने की उत्पाद नीति में संशोधन की मांग

झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ ने सरकार से उत्पाद नीति में संशोधन की मांग की है। झारखंड शराब व्यापारी संघ के महासचिव सुबोध कुमार जायसवाल ने मुख्यमंत्री से मिलकर नई शराब नीति पर विचार का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि लाटरी सिस्टम से दुकान का आवंटन कर राज्य हित में वे जल्द निर्णय लें। इससे राजस्व भी बढ़ेगा और झारखंड के व्यवसायी भी खुशहाल होंगे।

वित्तीय वर्ष 2019-20 के समतुल्य पहुंचेगा उत्पाद राजस्व

वर्तमान वित्तीय वर्ष में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग का राजस्व अब तक करीब 2000 करोड़ पहुंच गया है। इससे यह अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के समतुल्य या उससे अधिक का राजस्व इस वर्ष भी आ जाएगा। तब विभाग ने 2009.19 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया था, जो 22 वर्षों में अब तक का सबसे अधिक राजस्व है।


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