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पटियाला के पोपली ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर मचाया धमाल

पायस जैन ने पुर्तगाल में 2021 में विश्व युवा चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता और एशियाई जूनियर और कैडेट टेबल टेनिस चैंपियनशिप 2022 में स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा उन्होंने मिक्स्ड डबल्स वर्ग में स्वर्ण पदक और टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीते। अपनी कोचिंग से एक नया आयाम स्थापित किया है। पायस जैन के सफलताओं के पीछे पारस पोपली की कोचिंग का बड़ा हाथ है।

By Jagran News Edited By: Anurag Mishra Published: Thu, 14 Mar 2024 10:47 PM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2024 10:47 PM (IST)
पटियाला के पोपली ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर मचाया धमाल
पारस पोपली ने अपनी कोचिंग से एक नया आयाम स्थापित किया है

जागरण डेस्क।  टेबल टेनिस, एक खिलाड़ियों के बीच बहुत ही लोकप्रिय खेल है और इसके शिखर पर पहुंचने के लिए उन्हें अच्छे कोच की आवश्यकता होती है। भारतीय टेबल टेनिस के कोच पारस पोपली ने अपनी कोचिंग से एक नया आयाम स्थापित किया है और अपने शिष्यों को अंतर्राष्ट्रीय पट्टी पर उतारने में मदद की है।

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पारस पोपली का जन्म पंजाब के पटियाला शहर में हुआ था। उन्होंने बचपन से ही टेबल टेनिस में रुचि ली और नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान से अपना करियर आरंभ किया। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और उनके खेलने के दौरान वे कई बार पंजाब और राजस्थान का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं।

पारस पोपली के अनुसार, वे पिछले 5 वर्षों से टेबल टेनिस कोच के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। उनकी कोचिंग का सबसे बड़ा सफलता संदर्भ में है जब उनके शिष्य पायस जैन ने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में सफलता हासिल की।

पायस जैन ने पुर्तगाल में 2021 में विश्व युवा चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता और एशियाई जूनियर और कैडेट टेबल टेनिस चैंपियनशिप 2022 में स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा, उन्होंने मिक्स्ड डबल्स वर्ग में स्वर्ण पदक और टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीते।

पायस जैन के सफलताओं के पीछे पारस पोपली की कोचिंग का बड़ा हाथ है। उनके मार्गदर्शन में जैन ने भारत का नाम अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बुलंद किया। न केवल पायस जैन, बल्कि पारस पोपली के अन्य शिष्यों ने भी अपने प्रदर्शन से देश का मान बढ़ाया है।

इसी के साथ, पारस पोपली के शिष्य अग्निव भास्कर ने गोवा में 2023 में हुई राष्ट्रीय खेलों में कांस्य पदक जीता और विश्व टेबल टेनिस में भी उनके शिष्य समरथ सिंह ने अंडर 19 में कांस्य पदक जीता।

इस तरह, पारस पोपली की कोचिंग ने भारतीय टेबल टेनिस को एक नया दिशा दिया है और उनके शिष्यों ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन किय है। यह उनके लिए गर्व की बात है और भविष्य में भी उनकी कोचिंग से और भारत के खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उतारा जाएगा।


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