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Muzaffarpur Police: बीते दो दशक में पुलिस महकमे में हुए कई अहम बदलाव, थानों के साथ डीएसपी की भी बढ़ाई गई संख्या

बीते दो दशक में मुजफ्फरपुर पुलिस में कई अहम बदलाव हुए हैं। 20 साल पहले जहां जिले में एक पुलिस अधीक्षक के साथ चार डीएसपी की तैनाती होती थी। वहीं अब एसपी की जगह एसएसपी और उनके साथ सिटी एसपी और आठ डीएसपी तैनात किए जा चुके हैं। इसके साथ ही ओपी समेत थानों की संख्या बढ़कर 47 हो गई है।

By Sanjiv Kumar Edited By: Mohit Tripathi Published: Wed, 17 Apr 2024 07:15 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2024 07:15 PM (IST)
दो दशक में पुलिस महकमे में कई बदलाव, थानों के साथ डीएसपी की संख्या बढ़ी। (फाइल फोटो)

संजीव कुमार, मुजफ्फरपुर। दो दशक में पुलिस विभाग में कई बदलाव हुए। 20 वर्षों पूर्व जहां जिले में एक पुलिस अधीक्षक के साथ चार डीएसपी की तैनाती होती थी। वहीं, अब एसपी की जगह एसएसपी पद बनाते हुए उनके साथ सिटी एसपी और आठ डीएसपी तैनात किए जा चुके हैं। साथ ही इन दो दशकों में ओपी समेत थानों की संख्या बढ़कर 47 हो गई है। पहले थाने के भवन जर्जर हालत में थे।

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पुलिसकर्मियों को वहां रहने की समस्या होती थी, लेकिन अब जिले के अधिकतर थानरें के नए भवन बन चुके हैं। पुलिसकर्मियों के रहने के लिए आवास की भी व्यवस्था की जा चुकी है। अत्याधुनिक संसाधनों से उन्हें लैस कराया जा चुका है। अत्याधुनिक हथियार व नए-नए वाहन उन्हें मुहैया कराए गए हैं।

नगर डीएसपी के साथ अहियापुर में भी एक डीएसपी की तैनाती की गई है। इसके अलावा सरैया पुलिस अनुमंडल में एसडीपीओ की तैनाती हुई। वहीं, कुढ़न व सकरा में भी एक-एक डीएसपी की तैनाती की जा चुकी है। इस तरह से कुल आठ डीएसपी यहां तैनात किए जा चुके हैं।

आठ ओपी उत्क्रमित कर बने थाने

पहले सिकंदरपुर ओपी कहलाता था, मगर अब थान बना दिया गया है। इसके अलावा तुर्की व फकुली ओपी को भी थाने में बदल दिया गया है। इसी साल जिले में आठ ओपी को उत्क्रमित कर थाने बनाए गए हैं। इसमें फकुली, तुर्की, बरियारपुर, हत्था, पानापुर करियात, बेनीबाद, जैतपुर और सिकंदरपुर थाना शामिल है।

नए ओपी व थाने खोले गए

अपराध नियंत्रण को लेकर जिले में रामपुर हरि थाना, यजुआर ओपी, गरहां ओपी, एसकेएमसीएच मेडिकल कालेज ओपी और राजेपुर ओपी खोले गए। इस तरह से जिले में ओपी समेत थानों की संख्या 47 हो गई है।

प्राथमिकी की कॉपी के लिए नहीं लगाना पड़ता थाने का चक्कर

पहले प्राथमिकी की कॉपी लेने के लिए थाने का चक्कर लगाना पड़ता था। अब ऑनलाइन व्यवस्था होने से प्राथमिकी की कॉपी लेना आसान हो गया है। एससीआरबी की वेबसाइट से प्राथमिकी की कापी को डाउनलोड किया जा सकता है। इस साइट पर जिले के सभी थानों की प्राथमिकी नित्य दिन अपलोड की जाती है।

इमरजेंसी में डायल 112 की सेवा

किसी भी इमरजेंसी व पुलिस से मदद के लिए डायल 112 की सुविधा प्रदान की गई है। मुख्यालय से इसकी मानीटरिंग की जाती है। शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाके के अधिकतर थानों में डायल 112 स्थापित कर दिए गए हैं। इस नंबर पर कॉल करने के कुछ ही समय बाद डायल 112 की टीम मौके पर पहुंचती है। फिर मुख्यालय को मौके से अपडेट भी कराया जाता है।

ट्रैफिक थाने के साथ डीएसपी की तैनाती

शहर की यातायात व्यवस्था बेहतर करने के लिए ट्रैफिक थाने को खोला गया। साथ ही वहां पर ट्रैफिक डीएसपी की भी तैनाती की गई। ट्रैफिक डीएसपी की तैनाती से शहर की यातायात व्यवस्था की हर दिन मॉनीटरिंग कर बेहतर करने की कवायद की जाती है।

अपराध नियंत्रण को लेकर लगे कैमरे

अपराध नियंत्रण की दिशा में ही शहर के विभिन्न इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। पल-पल की गतिविधि पर सीसीटीवी कैमरे के कंट्रोल रूम से इसकी निगरानी की जाती है। वरीय अधिकारी भी इसकी मॉनीटरिंग करते हैं।

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