Bihar News: चार साल से कम है बच्चे की उम्र... तो 40 से ज्यादा स्पीड में नहीं चला सकते बाइक, इन नियमों का भी करना होगा पालन
हेलमेट और सीट बेल्ट संबंधी नियमों को लेकर स्थानीय समाज में जागरूकता का अभाव है और कई लोगों को लगता है कि महिलाओं व बच्चों के लिए हेलमेट पहनना जरूरी नहीं है। वहीं दोपहिया वहान पर अधिकतम दो लोगों को ही बैठने की अनुमति है। वहीं अगर चार साल से कम उम्र का बच्चा दोपहिया पर बैठा है तो 40 की स्पीड़ पर गाड़ी चलाने की अनुमति है।
जागरण संवाददाता, बक्सर। हेलमेट और सीट बेल्ट संबंधी नियमों के प्रति स्थानीय समाज में जागरूकता का अभाव है। कई लोगों को लगता है कि महिलाओं और बच्चों के लिए हेलमेट पहनना जरूरी नहीं है। कुछ लोगों को लगता है कि केवल बाइक चलाने वाले को हेलमेट पहनना पड़ता है। जबकि ऐसा है नहीं।
दोपहिया पर अधिकतम दो लोगों को ही बैठने की अनुमति है। दोनों को हेलमेट पहनना जरूरी है। बच्चे को और महिला को भी हेलमेट पहनना जरूरी है। अगर चार साल से कम उम्र का बच्चा दोपहिया पर बैठा है, तो आप 40 किलोमीटर प्रति घंटे के नीचे ही गाड़ी चला सकते हैं।
सेफ्टी हार्नस बेल्ट का प्रयोग है जरूरी
केंद्रीय मोटर यान नियम 1989 में 15 फरवरी 2022 को संशोधन के जरिए चार साल तक के बच्चों के लिए दो विशेष प्रविधान किए गए। इसके मुताबिक नौ महीने से लेकर चार साल की उम्र तक के बच्चे को बाइक पर पीछे की सीट पर बैठाया जा सकता है। इसके लिए एक विशेष प्रकार के सेफ्टी हॉर्नेस बेल्ट का प्रयोग करना जरूरी है।
यह बेल्ट बच्चे की कमर से कंधों तक पहनाया जाएगा और इसका दूसरा छोर गाड़ी चला रहे व्यक्ति की कमर से कसा रहेगा। इस बेल्ट को बड़ा और छोटा करने लायक व्यवस्था इसमें होनी है। इसमें 30 किलो तक वजन सहने की क्षमता होनी चाहिए। इसके साथ ही उस बच्चे को उसके सिर में फिट बैठने लायक हेलमेट भी पहनाया जाना जरूरी है।
केवल सिख अनुयायियों को छूट
हेलमेट पहनने से केवल सिख अनुयायियों को छूट दी जाती है। इसका लाभ भी केवल उन्हें ही मिलता है, जो मोटी पगड़ी सिर पर बांधते हैं।
सिर पर पगड़ी नहीं बांधने की स्थिति में उन्हें भी हेलमेट पहनना अनिवार्य है। अगर कोई व्यक्ति बिना हेलमेट पहने दोपहिया वाहन पर चलता है, तो उसे एक हजार रुपए जुर्माना देना पड़ सकता है।
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