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Bihar News: इंजीनियर बनने का सपना टूटा तो करने लगे सब्जी की खेती, कमा रहे 22 लाख सालाना, पढ़िए संघर्ष की कहानी

Gopalganj News Today गोपालगंज के सदर प्रखंड के बरईपट्टी गांव के एक युवक ने घर से इंजीनियर बनने का सपना लेकर दिल्ली निकले थे। इंजीनियरिंग कालेज में नामांकन नहीं होने के बाद वे निराश होकर अपने घर लौट आए। यहां उनके पिता ने खेती करने की सलाह दी। इसके बाद युवक कुणाल कुमार राय ने अपनी 25 एकड़ जमीन पर सब्जी की खेती प्रारंभ की।

By Rajat Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Published: Fri, 29 Mar 2024 04:07 PM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2024 04:07 PM (IST)
Bihar News: इंजीनियर बनने का सपना टूटा तो करने लगे सब्जी की खेती, कमा रहे 22 लाख सालाना, पढ़िए संघर्ष की कहानी
गोपालगंज के कुनाल का सपना टूटा तो करने लगा सब्जी की खेती (जागरण)

जागरण संवाददाता, गोपालगंज। Gopalganj News: गोपालगंज के सदर प्रखंड के बरईपट्टी गांव के एक युवक ने घर से इंजीनियर बनने का सपना लेकर दिल्ली निकले थे। इंजीनियरिंग कालेज में नामांकन नहीं होने के बाद वे निराश होकर अपने घर लौट आए। यहां उनके पिता ने खेती करने की सलाह दी। इसके बाद युवक कुणाल कुमार राय ने अपनी 25 एकड़ जमीन पर सब्जी की खेती प्रारंभ की।

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खेती के साथ सब्जी बाजार तक सप्लाई करने के लिए दो दर्जन युवाओं को इस बीच उन्होंने रोजगार दिया। उनसे प्रेरणा लेकर वह दियारा क्षेत्र में कई लोगों ने भी सब्जी की खेती प्रारंभ की है। सदर प्रखंड के बरईपट्टी गांव निवासी मिथिलेश कुमार राय के पुत्र कुणाल कुमार राय ने बताया कि पिछले 20 वर्षों से मिश्रित खेती कर रहे हैं।

बचपन में इंजीनियर बनने का सपना देखने वाले कुणाल आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण अपनी पढ़ाई आगे नहीं बढ़ा सके। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी व किसानी को अपना पेशा बना लिया। मिश्रित खेती की तरफ रुख करते हुए कुणाल ने गन्ना, सब्जी, मक्का, अरहर दलहन, गेंहू समेत विभिन्न प्रकार के फसलों की खेती की। धीरे-धीरे उन्होंने अंडा उत्पादन का काम भी शुरू कर दिया।

आलम यह है कि कुणाल कुमार राय अब सालाना 22 लाख रुपये की कमाई करते हैं। वह न केवल आत्मनिर्भर बने हैं, बल्कि अन्य किसानों को भी मिश्रित खेती अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनकी सफलता के पीछे मुख्य रूप से उनकी लगन, मेहनत और धैर्य हैं। साथ ही पिता का सहयोग भी उन्हें मिलता रहा है।

कुणाल उन सभी किसानों के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो अपनी आर्थिकी को सुधारना चाहते हैं। कुणाल नवीनतम कृषि तकनीकों को अपनाते हैं और अपनी फसल की बेहतर देखभाल करते हैं। किसान कुणाल कुमार राय ने बताया की इंटर तक की पढ़ाई करने के बाद आईआईटी में चयन हुआ लेकिन पैसे के अभाव में नामांकन नहीं कराया।

इयके बाद खेती को अपना पेशा बनाया व मिश्रित खेती की तकनीक को अपनाया, जो काफी फायदेमंद है। उन्होंने बताया की 25 एकड़ की जमीन पर जैविक खेती की विधियों का उपयोग करते हैं। रसायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं करते हैं। उनका मानना हैं कि जैविक खेती न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि यह स्वस्थ और अधिक पौष्टिक भोजन भी प्रदान करती है।

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