तीन साल से विषय नहीं पढ़ाया तो शिक्षक नहीं कर सकेंगे पेपर चेक
शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा के पेपर के मूल्यांकन को लेकर नया आदेश जारी किया है। अब वे शिक्षक पेपर चेक नहीं कर पाएंगे जिन्होंने तीन साल से संबंधित विषय स्कूल में न पढाया हो।
अंबाला, [सुनील बराड़]। बोर्ड परीक्षाओं में वे शिक्षक पेपर चेक नहीं कर सकेंगे जिन्होंने पिछले तीन साल से स्कूलों में बच्चों को संबंधित विषय नहीं पढ़ाया है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने इस पर रोक लगा दी है। इस संबंध में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से प्रदेश के सभी सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल और हेड मास्टर को पत्र जारी किया है।
पत्र में साफ कहा गया है कि वह ऐसे टीजीटी और पीजीटी को अपने स्कूल से रिलीव न करें, जो नौवीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के बच्चों को वर्तमान में संबंधित विषय नहीं पढ़ा रहे। इस आदेश का असर हाल ही में संपन्न हुई सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी कक्षाओं की परीक्षा के मूल्यांकन पर पड़ा है।
बता दें कि भिवानी बोर्ड ने बोर्ड की परीक्षाएं खत्म होने के बाद पेपर चेकिंग का शेड्यूल बनाकर मूल्यांकन सेंटर बना दिए गए थे। बोर्ड ने ही ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) और पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) की ड्यूटी पेपर चेकिंग में लगाकर जिलावार एक लिस्ट भेज दी गई थी। इन आदेशों के मुताबिक 27 मार्च को प्रदेश के सभी प्रिंसिपल और हेड मास्टर को टीजीटी व पीजीटी पेपर चेकिंग ड्यूटी के चलते रिलीव करना था। लेकिन, अचानक आए बोर्ड के पत्र के बाद टीजीटी और पीजीटी को रिलीव नहीं किया गया।
ऐसे में सेंटर में मौजूद कर्मचारी शिक्षकों का इंतजार करते रहे। जब सेंटर के परीक्षकों ने प्रिंसिपल से बात की तो उन्हें बताया गया कि बोर्ड ने उनकी ड्यूटी रद कर दी है। बोर्ड सचिव ने मूल्यांकन सेंटर के मुख्य परीक्षक को यह भी आदेश जारी किए हैं कि जिन पीजीटी और टीजीटी द्वारा अपना अनुभव गलत दर्शाया गया है और मुख्य परीक्षक लगा दिया गया है, उनको वह अपने स्तर पर ही ठीक करें। साथ ही बोर्ड को इसकी सूचना भी भेजें।
बोर्ड सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि यदि कोई प्रवक्ता या अध्यापक उस विषय का पिछले तीन वर्ष से अध्यापन नहीं कर रहा और उसकी मूल्यांकन कार्य में ड्यूटी लगी है तो उसके स्थान पर संबंधित विषय के योग्य परीक्षक की ड्यूटी लगाएं।
रिजल्ट हो सकता है लेट
सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी बोर्ड की परीक्षा परिणाम में बोर्ड के इन आदेशों का असर बोर्ड के परीक्षा परिणाम पर पड़ेगा। बोर्ड से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्रदेश भर के मूल्यांकन सेंटर में बोर्ड द्वारा ही टीजीटी और पीजीटी की ड्यूटी लगाई गई थी। अब यह ड्यूटी प्रिंसिपल और हेड मास्टर लगाएंगे। इसके बाद मूल्यांकन कार्य इन सेंटरों में शुरू होगा। मूल्यांकन का कार्य 7 अप्रैल तक चलना है। लेकिन, नए आदेशों के बाद इसकी तिथि बढ़ सकता है। इस कारण परीक्षा परिणाम जारी करने में देरी हो सकती है।