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World Universities Summit 2021: उपराष्ट्रपति ने विश्व विश्वविद्यालय शिखर सम्मेलन को किया संबोधित, कही ये महत्वपूर्ण बातें

World Universities Summit 2021 उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालयों को अच्छे शिक्षाविद अर्थशास्त्री और राजनेता तैयार करने चाहिए जिनके पास अच्छा आचरण क्षमता चरित्र और क्षमता हो। ऑफलाइन और ऑनलाइन एजुकेशन के सर्वोत्तम तत्वों को मिलाकर भविष्य के लिए एक हाइब्रिड टीचिंग मॉडल विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

By Nandini DubeyEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 01:33 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 01:33 PM (IST)
वर्ल्ड यूनिवर्सिटीज सम्मिट को वाइस प्रेसिडेंट ने वर्चुअली संबोधित किया

World Universities Summit 2021: देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी, सोनीपत द्वारा आयोजित विश्व विश्वविद्यालय शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को वर्चुअली संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालयों को अच्छे शिक्षाविद, अर्थशास्त्री और राजनेता तैयार करने चाहिए, जिनके पास अच्छा आचरण, क्षमता, चरित्र और क्षमता हो। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय दुनिया के सामने आने वाले विभिन्न सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करें और उन विचारों के साथ आएं जिन्हें सरकारें अपनी आवश्यकताओं और उपयुक्तता के अनुसार लागू कर सकती हैं।

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उपराष्ट्रपति ने बहु-अनुशासनात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने का आह्वान किया और स्थायी और स्केलेबल (मापनीय) समाधान बनाने के लिए सहयोगी शैक्षणिक प्रयास की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सतत विकास आज दुनिया के सामने आने वाली कई चुनौतियों का जवाब है और विश्वविद्यालय इस दिशा में एक प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं। विश्वविद्यालयों को विभिन्न क्षेत्रों में अपनाई जाने वाली सभी गतिविधियों में एक अंतर्निहित मिशन के रूप में स्थिरता को लागू करने की आवश्यकता है।

वहीं, यह कहते हुए कि वर्चुअल एजुकेशन पारंपरिक क्लासरूम लर्निंग का विकल्प नहीं हो सकता है, उपराष्ट्रपति ने ऑफलाइन और ऑनलाइन एजुकेशन के सर्वोत्तम तत्वों को मिलाकर भविष्य के लिए एक हाइब्रिड टीचिंग मॉडल विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा मॉडल सीखने वाले के साथ-साथ शिक्षक के लिए भी इंटरैक्टिव और दिलचस्प दोनों होना चाहिए, ताकि सीखने के सर्वोत्तम परिणाम सुनिश्चित हो सकें। टीचिंग केवल सामग्री वितरण नहीं है; बल्कि इससे स्टूडेंट्स को स्वतंत्र और रचनात्मक रूप से सीखने के लिए तैयार करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि वेदों और उपनिषदों के हमारे समृद्ध इतिहास के साथ, हमें एक बार फिर दुनिया की एक ऐतिहासिक ज्ञान राजधानी या विश्व गुरु बनने का प्रयास करना चाहिए। बता दें कि विश्व विश्वविद्यालय शिखर सम्मेलन के संबंध में वाइस प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करके भी जानकारी दी गई है।

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