जानिए क्या है अक्साई चिन, जिसके लिए अपनी जान भी दे सकते हैं अमित शाह
चीन हमेशा ये दावा करता रहा है कि अक्साई चिन झिंजियांग उइगर (Xinjiang Uyghur) स्वायत्त क्षेत्र है।
नई दिल्ली , जेएनएन। मंगलवार संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जा को समाप्त करने का सरकार का प्रस्ताव संसद में भी पारित हो गया है। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) और अक्साई चिन सहित सम्पूर्ण जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर, भारत का अभिन्न अंग है. जब भी मैं जम्मू-कश्मीर कहता हूं तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और अक्साई चीन भी इसके अंदर आता है। क्या कांग्रेस पीओके को भारत का हिस्सा नहीं मानती है। आप क्या बात कर रहे हैं, हम इसके लिए जान भी दे देंगे? 'अक्साई चिन', अमित शाह के इस बयान के बाद यह शब्द एक फिर से चर्चा में है। इसके बार में अब से पहले शायद बहुत ही कम लोगों ने सुना होगा, तो यकीनन इसके बारे में जानकारी रखने वाले भी कम ही लोग हैं।
क्या है अक्साई चिन?
अक्साई चिन कुल जम्मू कश्मीर का 15 फीसद हिस्सा है, जिसपर अवैध रूप से चीन ने कब्जा किया हुआ है। अमित शाह ने कल लोकसभा में अक्साई चिन समेत पूरे जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया है, तो वहीं चीन हमेशा ये दावा करता रहा है कि अक्साई चिन झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र (Xinjiang Uyghur) है।
अक्साई चिन समुद्र तल से लगभग 5,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित साल्ट फ्लैट का एक विशाल रेगिस्तान है, जिसका क्षेत्रफल करीब 37,244 स्क्वायर किलोमीटर है। जम्मू और कश्मीर राज्य के उत्तर पूर्वी हिस्से का यह इतना बड़ा यह क्षेत्र 1950 से चीन के कब्जे में है। चीन ने इसे प्रशासनिक रूप से शिनजियांग प्रांत के काश्गर विभाग के कार्गिलिक जिले का हिस्सा बनाया है।
इसके अलावा PoK यानि पाक अधिकृत कश्मीर पर पाकिस्तान का 1947 से कब्जा है, जिसे अब वह 'आजाद कश्मीर' कहता है। जबकि इस पर पाकिस्तान का ही शासन है। यह हिस्सा कुल जम्मू- कश्मीर का 30 फीसद है, जिसमें कश्मीरी मूल से ज्यादा पंजाब के नागरिक रहते हैं। 78,114 वर्ग किलोमीटर में फैले इस क्षेत्र में कुल 4,045,366 जनसंख्या रहती है।
बता दें कि मंगलवार को लोकसभा में कई घंटे तक चली चर्चा के बाद जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विधेयक को पारित करने के लिए सदन की सहमति मांगी तो कांग्रेस के एक सदस्य ने मतदान की मांग की। जब इस विधेयक पर मतदान हुआ तो इसके पक्ष में 370 मत तथा विपक्ष में मात्र 70 मत पड़े। सदन में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से मतदान किया गया, वहीं कुछ सदस्यों का वोटिंग मशीन से मत दर्ज नहीं हुआ तो पर्ची से मत ड़ाले गए।
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