UP University Guidelines: 2020-21 सत्र में यूजी/पीजी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने जारी किये दिशा-निर्देश
UP University Guidelines 2020 वीडियो लेक्चर रिकॉर्ड करने होंगे जिन्हें विश्वविद्यालों को अपने पोर्टल पर छात्रों को ओपेन-एक्सेस लिंक से उपलब्ध कराना होगा।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। UP University Guidelines 2020: उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में नये शैक्षणिक सत्र 2020-21 को शुरु करने और अध्ययन-अध्यापन के कार्य को शुरु करने एवं शैक्षणिक कैलेंडर के निर्धारण के लिए राज्य सरकार द्वारा दिशा – निर्देश जारी किये गये हैं। यूपी सरकार में विशेष सचिव मनोज कुमार की तरफ से उच्च शिक्षा विभाग प्रयागराज और समस्त राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को 11 जुलाई 2020 को भेजा गया है। राज्य सरकार के निर्देशों के अऩुसार नये शैक्षणिक सत्र में स्नातक पाठ्यक्रमों में पहले वर्ष की कक्षाओं का आयोजन 1 अक्टूबर 2020 से और परास्नातक पाठ्यक्रमों की कक्षाओं को 1 नवंबर 2020 से शुरु किया जाना है।
शैक्षणिक सत्र 2020-21 को लेकर यूपी सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार विश्वविद्यालयों या अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में विभागाध्यक्षों, डीन और कुलपति को आज यानि 13 जुलाई 2020 से विश्वविद्यालय परिसर में आकर ई-कन्टेन्ट को तैयार कराते हुए अपलोड कराना सुनिश्चित करना होगा। साथ ही, वर्क फ्रॉम होम को प्रोत्साहित करना होगा। इन सभी कार्यों की समीक्षा करते हुए 31 जुलाई तक सभी संकायों एवं विषयों के लिए ई-कन्टेन्ट पूरी तरह से तैयार या चिह्नित कर लेना होगा। इसके साथ ही साथ ई-कन्टेन्ट की तैयारी में वीडियो लेक्चर रिकॉर्ड करने होंगे जिन्हें विश्वविद्यालों को अपने पोर्टल पर छात्रों को ओपेन-एक्सेस लिंक के माध्यम से उपलब्ध कराना होगा। इस लिंक के माध्यम से न सिर्फ विश्वविद्यालय या सम्बद्ध महाविद्यालय के छात्र देख पाएंगे बल्कि अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र भी इसका लाभ ले सकेंगे। वहीं, दिशा-निर्देशों के अन्य मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:-
- यूजी प्रवेश प्रक्रिया 15 सितंबर तक और पीजी 31 अक्टूबर तक पूरी करनी होगी। जो कि ऑनलाइन होगी।
- वर्तमान छात्रों को लिए यूजी एवं पीजी कक्षाएं 4 अगस्त 2020 से शुरु होनी है और स्थिति सामान्य होने पर 1 अक्टूबर 2020 से नियमित कक्षाएं चलेंगी।
- नये छात्रों (प्रथम वर्ष) के लिए कक्षाओं की शुरुआत 1 अक्टूबर 2020 से शुरु होनी है।
- पहले 45 दिनों तक सिर्फ ऑनलाइन क्लासेस से स्टडी सुनिश्चित करानी होगी। साथ ही, रोटेशन बेसिस पर छात्रों के लिए भौतिक कक्षाएं आयोजित करनी होंगी।