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पीजी टॉपर बनकर परवीन ने दिया मरहूम अम्मी को 'नजराना'

नजराना ने अपनी प्रतिभा को बिखरने नहीं दिया। अब वह व्याख्याता बनकर अपने परिवार का संबल बनना चाहती है। इसके लिए उसने नेट का आवेदन भी दिया है।

By Edited By: Published: Wed, 10 Oct 2018 09:04 AM (IST)Updated: Wed, 10 Oct 2018 02:53 PM (IST)
पीजी टॉपर बनकर परवीन ने दिया मरहूम अम्मी को 'नजराना'
धनबाद, जेएनएन। मैं सेमेस्टर-2 में थी, उसी वक्त अम्मी का इंतकाल हो गया। उनके चले जाने से मानसिक तौर पर टूट गई थी, पर तभी मुझे उनकी ख्वाहिश का ख्याल आया। वह मुझे फलक पर देखना चाहती थीं। उनकी बातों को याद कर मैंने खुद को संभाला और पढ़ाई के लिए जी जान से जुट गई। अच्छे मा‌र्क्स के लिए पढ़ाई की थी, पर यूनिवर्सिटी टॉपर का अंदाजा नहीं था। यह कहना है पॉलीटिकल साइंस की पीजी विवि टॉपर छात्रा नजराना परवीन का।
व्याख्याता बनने की तमन्नाः एसएसएलएनटी महिला कॉलेज की छात्रा बरवाअड्डा के बड़ाजमुआ निवासी मो. रियाजुद्दीन की बेटी है। बड़ाजमुआ के मंदाकिनी हाई स्कूल में 10वीं के बाद एसएसएलएनटी महिला कॉलेज से इंटर से पीजी तक की पढ़ाई की है। निर्धन परिवार की बिटिया है नजराना।वह गरीब परिवार से है। बावजूद उसने अपनी प्रतिभा को बिखरने नहीं दिया। अब वह व्याख्याता बनकर अपने परिवार का संबल बनना चाहती है। इसके लिए उसने नेट का आवेदन भी दिया है।
पीजी में मिले 1167 अंकः एसएसएलएनटी में पीजी के पहले बैच की टॉपर नजराना को 1167 अंक मिले हैं। विवि टॉपर होने के साथ-साथ एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में पीजी पॉलिटिकल साइंस के पहले बैच की टॉपर बनी है। उसे मिली सफलता पर कॉलेज की प्रोफेसर इंचार्ज व विभागाध्यक्ष डॉ. देवयानी विश्वास ने हर्ष व्यक्त किया है। खाली वक्त में पेंटिंग कर बहलाती है मन पढ़ाई के साथ-साथ उसे पेंटिंग का भी शौक है। उसने कहीं ट्रेनिंग नहीं ली है पर खाली समय में पेंटिंग कर मन बहलाती है। उसका मानना है कि इससे मानसिक सुकून मिलता है।

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