एक नजर : 2018 में सबसे ज्यादा डिमांड में रहे टॉप-10 कोर्स
एआइ, एमएल, डाटा साइंस और डिजिटल मार्केटिंग की विशेषज्ञता दिलाने वाले कोर्स इस साल टॉप पर माने जा सकते हैं।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। इस साल भी स्टूडेंट्स का रुझान नौकरी दिलाने वाले न्यू एज कोर्सों की तरफ ज्यादा देखा गया। एआइ, एमएल, डाटा साइंस और डिजिटल मार्केटिंग की विशेषज्ञता दिलाने वाले कोर्स इस साल टॉप पर माने जा सकते हैं। हालांकि यह केवल इसी साल की बात नहीं है। अगले साल भी इनका क्रेज बने रहने की उम्मीद है। एक नजर उन कोर्सेज पर, जो 2018 में सबसे ज्यादा डिमांड में रहे...
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
वर्ष 2018 में अगर किसी जॉब स्किल की सबसे ज्यादा चर्चा रही, तो वह है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ)। मैन्युफैक्चरिंग से लेकर सॉफ्टवेयर कंपनियों, ई-कॉमर्स कंपनियों, मोबाइल कंपनियों और मेडिकल डायग्नोसिस आदि के क्षेत्र में, हर ओर इस स्किल के जानकारों की मांग देखी गई। एक रिपोर्ट की मानें, तो अमेजन, एपल, फेसबुक और गूगल जैसी शीर्ष कंपनियों में एआइ इंजीनियर्स को सालाना 70-75 लाख रुपये तक के भारी- भरकम पैकेज ऑफर हुए। नैस्कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में एआइ और एमएल में करीब 5 लाख नौकरियां सामने आईं। आइटी के वर्किंग प्रोफेशनल्स ने अपनी री-स्किलिंग के लिए इन कोर्सेज में सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कोर्स करने के लिए कंप्यूटर साइंस, आइटी,
मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन में डिग्री होना आवश्यक है। कई आइआइटी संस्थानों में आजकल यह कोर्स ऑफर हो रहा है।
डाटा एनालिटिक्स
दुनियाभर की बिजनेस कंपनियों के लिए इन दिनों बिग डाटा बहुत काम का हो गया है। इस डाटा के जरिए कंपनियां पूर्वानुमान लगाकर अपनी सेल्स स्ट्रेटेजी में सुधार करके तेजी से आगे बढ़ सकती हैं। इसीलिए यह कोर्स भी युवाओं के बीच काफी डिमांडिंग रहा। इसकी एक वजह यह भी रही कि अभी इस क्षेत्र में स्किल गैप होने के कारण अपॉच्र्युनिटीज बहुत ज्यादा हैं। ऑनलाइन और हाइब्रिड एजुकेशन कंपनी ग्रेट लर्निंग की एक ताजा स्टडी रिपोर्ट के अनुसार, इस एरिया में जितने लोग नौकरी ढूंढ़ रहे हैं, उससे दोगुनी नौकरियां मार्केट में हैं। दूसरे, भारत के अलावा डाटा साइंटिस्ट की मांग आजकल अमेरिका में बहुत ज्यादा है। साथ ही, यह टॉप हाई पेइंग नौकरियों में से है, जहां लोगों को लाखों में सैलरी मिलती है। डाटा एनालिटिक्स का कोर्स करने के लिए गणित, स्टैटिस्टिक्स और कंप्यूटर एप्लिकेशन का बैकग्राउंड होना जरूरी है। साथ में रूबी, पायथन जैसी प्रोग्रामिंग स्किल भी आनी चाहिए।
मशीन लर्निंग
ऑटोमेशन की बढ़ती मांग के कारण इस साल मशीन लर्निंग की भी काफी चर्चा रही। आज यह टॉप 10 डिमांडिंग जॉब्स में शुमार है। आजकल इस तकनीक का इस्तेमाल ऐसे कंप्यूटर प्रोग्राम्स विकसित करने के लिए किया जा रहा है, जिससे कंप्यूटर जैसी एडवांस मशीनें अपने आप चीजें सीखकर इंसानों की तरह काम करने में सक्षम बन सकें। इनडीड की मानें, तो 2018 में एआइ/एमएल के जानकारों की दोगुनी मांग रही। मशीन लर्निंग कोर्स के लिए मैथमेटिक्स, साइंस और साइकोलॉजी बैकग्राउंड का होना आवश्यक है। आइआइटी खड़गपुर समेत कई संस्थानों में इससे संबंधित कोर्स चलाए जा रहे हैं। मशीन लर्निंग में कई ऑनलाइन कोर्सेज भी उपलब्ध हैं। गूगल भी मशीन लर्निंग में क्रैश कोर्स (एमएलसीसी) कराता है।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) यानी ऐसी डिवाइसेज जो इंटरनेट से संचालित होती हैं। दुनियाभर में इंटरनेट से कनेक्टेड इन डिवाइसेज की मांग के चलते आइओटी इंजीनियर्स की गैजेट कंपनियों में काफी पूछ रही। अनुमान है कि आने वाले समय में जैसे-जैसे और डिवाइसेज इंटरनेट से कनेक्ट होंगी, इसके जानकारों की इन डिवाइसेज की प्रोग्रामिंग, डिजाइनिंग और हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग के लिए डिमांड और ज्यादा बढ़ेगी। विशेषज्ञों की मानें, तो जो स्टूडेंट इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल या फिर कम्युनिकेशन बैकग्राउंड के हैं, उनके लिए आगे भी बहुत अच्छी संभावनाएं रहेंगी।
डिजिटल मार्केटिंग
सोशल मीडिया के आ जाने से इन दिनों डिजिटल मार्केटिंग पर काफी जोर दिया जा रहा है। कंपनियों के मार्केटिंग की सारी प्लानिंग फेसबुक, वाट्सएप, ट्विटर जैसी सोशल साइटों को ध्यान में रखकर ही तैयार हो रही हैं। इसलिए इस साल भी बिजनेस कंपनियों में सोशल मीडिया मैनेजर और ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटर्स जैसे प्रोफेशनल्स की मांग रही। युवाओं में इस कोर्स को लेकर आकर्षण की एक वजह यह रही कि पिछले कई सालों से यह एक कमाऊ फील्ड के तौर पर देखा जा रहा है, जहां शुरुआत में ही ऐसे प्रोफेशनल्स को 30 से 40 हजार रुपये तक सैलरी मिल जाती है। 10वीं और 12वीं पास युवा डिजिटल मार्केटिंग/सोशल मीडिया मार्केटिंग का कोर्स कर सकते हैं, जो अभी ज्यादातर ऑनलाइन ही ऑफर हो रहे हैं।
अकाउंटिंग ऐंड फाइनेंस
जीएसटी (गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स) लागू होने के बाद पिछले दो सालों की तरह इस साल भी चार्टर्ड अकाउंटेंसी की सबसे ज्यादा डिमांड रही। इसके अलावा, बैचलर ऑफ कॉमर्स, बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन तथा कंप्यूटर अकाउंटेंसी जैसे कोर्स करने वाले प्रोफेशनल्स को भी बड़ी संख्या में नौकरियां मिलीं। एक अनुमान के अनुसार, जीएसटी के कारण साल 2018 में करीब 10-12 नई नौकरियां सामने आईं। दरअसल, नई कर व्यवस्था के तहत अब 20 लाख रुपये से ज्यादा टर्नओवर वाले प्रत्येक व्यापारी को हर महीने जीएसटी की प्रक्रिया निभानी होती है, यही कारण है कि अकाउंट्स के जानकारों की इस साल भी लगातार मांग बनी रही। इसी कारण गणित, एनालिटिकल तथा स्टैटिस्टिकल स्किल रखने वाले स्टूडेंट्स की दिलचस्पी फाइनेंस के कोर्सेज में अधिक देखी गई।
साइबर सिक्युरिटी
बीते सालों की तरह 2018 में भी ट्रेंड साइबर सिक्युरिटी प्रोफेशनल्स की काफी मांग देखी गई। आइटी फर्म्स से लेकर कॉरपोरेट कंपनियों, लॉ फर्म्स, पब्लिक-प्राइवेट बैंक, टेलीकॉम कंपनियों तथा स्कूल-कॉलेजों में इन्हें बड़ी संख्या में नौकरियां मिलीं। बढ़ती मांग को देखते हुए इस साल भी 12वीं के बाद एथिकल हैकिंग कोर्सेज में नामांकन अधिक रहा।
रोबोटिक्स साइंस
हर तरह के छोटे-बड़े कामों के लिए रोबोट का इस्तेमाल बढ़ने के कारण यह फील्ड भी आजकल युवाओं में काफी डिमांडिंग है। उम्मीद की जा रही है कि जैसे-जैसे मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां ऑटोमेशन अपनाएंगी, यह फील्ड और तेजी से ग्रो करेगा। यही वजह है कि इस क्षेत्र में ट्रेंड प्रोफेशनल्स की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। रोबोटिक्स में करियर बनाने के लिए इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, इंस्ट्रूमेंटेशन, कंप्यूटर साइंस की डिग्री होनी जरूरी है।
एप डेवलपमेंट
एक अनुमान के मुताबिक, पिछले दो सालों में मोबाइल एप डेवलपर्स की डिमांड दोगुनी तेजी से बढ़ी है। एक स्टडी के अनुसार, स्मार्टफोन के लगातार बढ़ते मार्केट के कारण हर साल करीब 40 से 60 प्रतिशत तक एप डेवलपमेंट कोर्स के बारे में ऑनलाइन सर्च देखा जा रहा है। 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स विषयों से पास हुए छात्र बीसीए या इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में बीटेक कर सकते हैं।
फैशन डिजाइनिंग
फैशन में लगातार होते इनोवशन के कारण वर्षों से युवाओं के लिए यह एक सदाबहार क्षेत्र रहा है। इस बहुआयामी फील्ड में अपेरल डिजाइनिंग, फुटवेयर डिजाइनिंग तथा एक्सेसरीज डिजाइनिंग के लिए डिजाइनर्स और फैशन कम्युनिकेशन के जानकारों की हमेशा डिमांड रहती है। इसमें बढ़ रहे स्कोप की वजह से साल 2018 में बड़ी संख्या में युवाओं की दिलचस्पी इस कोर्स में देखी गई। दरअसल, इस कोर्स में आकर्षण की वजह यह भी रही कि यहां क्रिएटिव लोगों को खुद को एक्सप्लोर करने के लिए काफी अवसर है। अच्छी कमाई और शोहरत है सो अलग।