गोविन्द भादू। आप चाहे छात्र हों, कामकाजी पेशेवर या फिर उद्यमी। अपने लक्ष्‍य तक पहुंचने के लिए समय सारिणी बनाकर उसका अनुकरण करना बहुत मायने रखता है, ताकि हम अपने काम का प्रबंधन अच्छी तरह से कर सकें। लेकिन अक्सर होता यह है कि हम जिस काम की समय सारिणी बनाते हैं, उसका किसी वजह से पालन नहीं कर पाते। इससे हमारा समय तो खराब होता ही है, साथ ही लक्ष्‍य पूरा न होने से हम परेशान भी हो जाते हैं। आइए जानें, अपने दिन की समय सारिणी कैसा बनाएं जिससे कि कम समय में ज्यादा काम करते हुए लक्ष्‍य तक जल्‍दी पहुंचने में कामयाबी मिल सके।

बनाएं योजना : सबसे पहले अपने काम को लेकर एक योजना बनाएं। इसे कैलेंडर के हिसाब से सेट करें। मान लीजिए आपने अपने किसी काम को एक डायरी या मोबाइल के नोटपैड में लिख लिया। अब इसे समयानुसार पूरा करते चलें और आगे के लक्ष्य निर्धारित करते चलें। जब आप अपने कार्य की योजना पहले से बना लेंगे, तो आपको अपना काम छूटने का डर नहीं होगा और यदि आपका काम उस समय तक पूरा नहीं हो पाता है या फिर छूट जाता है तब आप अपनी योजना के अनुसार उस काम को छोड़ कर आगे बढ़ जायेंगे और आगे का कार्य छूटने के बजाय आप समय पर उसे समाप्त कर सकेंगे। इससे अपने छूटे हुए काम को अगले दिन जल्दी कर पाएंगे और उसी अनुसार कार्य में बदलाव कर अपने अन्‍य कार्यों का भी प्रबंधन कर पायेंगे।

रिमाइंडर लगाएं : कार्य योजना का रिमाइंडर लगाने से तात्पर्य है कि आपने कोई योजना तो बनाई, पर उसे लेकर जब आप रिमाइंडर नहीं लगाते हैं, तो उसके छूटने का डर रहता है। इसे आप अपने मोबाइल में अलार्म के तौर पर भी लगा सकते हैं जिससे यदि काम करते समय भटकते भी हैं, तो अलार्म आपको भटकने नहीं देगा। इस तरह जो भी महत्वपूर्ण कार्य होंगे, उन्हें आप समय पर पूरा कर सकेंगे।

पहचानें महत्वपूर्ण कार्यों को : आपके दिन भर में कई काम होते हैं, पर कुछ काम बहुत महत्वपूर्ण होते हैं और कुछ ऐसे होते हैं, जिन्हें अगले दिन भी किया जा सकता है। इसलिए आपको महत्वपूर्ण कामों को पहचानना और उन्हें प्राथमिकता में रहना आना चाहिए, ताकि उन्हें तत्काल करने पर ध्यान दे सकें।

करें शेड्यूल का आकलन : अपने कामों को करने से पहले अपने पूरे शेड्यूल का आकलन करें कि कौन-सा काम कब तक समाप्त करना है और किस काम को प्राथमिकता देनी है।

खास पलों को लिखें : रात में एक डायरी में दिन भर के प्रमख घटनाक्रम को लिखने की आदत डालें। इस दौरान अपनी कमियों को भी लिखें और उन्हें सुधारने का प्रयास करें। इससे आप क्रमश: अपने अंदर सुधार होते हुए देखेंगे। साथ में यह भी नोट करें कि दिन भर के काम को आपने कैसे मैनेज किया।

 गोविन्द भादू,

इंस्पिरेशनल स्पीकर एवं एंटरप्रेन्योर

Edited By: Nandini Dubey