Move to Jagran APP

सफलता के लिए ये हैं तीन सरल सूत्र, यहां जानें कैसे इन्हें अपनाएं

अक्सर यह देखा जाता है कि हममें से ज्यादातर लोग अपने मन की आवाज न सुनकर बाहरी कारकों के प्रभाव में आकर जीवन के निर्णय लेते हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 09:50 AM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 09:50 AM (IST)
सफलता के लिए ये हैं तीन सरल सूत्र, यहां जानें कैसे इन्हें अपनाएं

नई दिल्ली [अचल शर्मा]। अगर आप खुद की पहचान एक सफल व्यक्तित्व के रूप में बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले यह देखना होगा कि यह इच्छा आपकी अंतरात्मा की आवाज है या किसी दूसरे के कहने के आधार पर आप यह लक्ष्य निर्धारित कर रहे हैं, क्योंकि किसी अन्य के प्रभाव में लिए गए फैसले में आप अपना शत प्रतिशत नहीं दे पाएंगे। आइए जानते हैं कि सही नजरिए के साथ कैसे हासिल की जाए सफलता...

loksabha election banner

अक्सर यह देखा जाता है कि हममें से ज्यादातर लोग अपने मन की आवाज न सुनकर बाहरी कारकों के प्रभाव में आकर जीवन के निर्णय लेते हैं। यकीन मानिए इससे बुरा कोई भी व्यक्ति खुद के लिए नहीं कर सकता। क्योंकि प्रकृति ने हमें स्वयं में इतना सशक्त बनाया है कि हम किसी भी लक्ष्य को साधने के लिए सक्षम हैं। जरूरत है तो सिर्फ और सिर्फ आत्मावलोकन कर अपने खुद के महान व्यक्तित्व को पहचानने की। यहां दिए गए तीन ‘स’ (स्वीकार, समीक्षा एवं सुधार) का अनुसरण करके आप भी अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।

स्वीकार

हममें से ज्यादातर लोग अपनी स्वयं की सोच व दृष्टिकोण पर फोकस ही नहीं कर पाते हैं। कुल आबादी के लगभग 1 प्रतिशत लोग ही अपनी ताकत को पहचान कर इतिहास रचते हैं और एक सफल शख्सियत के रूप में दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। 

ऐसा तभी संभव है जब आप स्वयं की ताकत व कमियों को पहचान कर, खुद की विश्वास प्रणाली को चुनौती देते हैं। ऐसा करने के लिए बहुत अधिक दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। आपको यह स्वीकार करना होगा कि आप कई बाहरी परतों से प्रभावित हैं, जिन्हें दुरुस्त करने की आवश्यकता है। यह भी स्वीकार करना होगा कि ऐसा करने के लिए आपके पास पर्याप्त क्षमता व शक्ति है। जरूरत है तो बस अपने मन व मस्तिष्क की आवाज को पहचानने की। याद रखें कि आप अपनी आवाज तभी सुन सकते हैं जब अपनी खुद की विश्वास प्रणाली पर और आसपास की परिस्थितियों पर सवाल उठाने के लिए तैयार हों। अगर आप सवाल नहीं करेंगे तो आप स्वीकार नहीं कर पाएंगे।

समीक्षा

दूसरा सबसे महत्वपूर्ण चरण है समीक्षा। आपको स्वयं यह तय करना है कि क्या करना है और क्या नहीं करना है। यह आपकी यात्रा का एक और महत्वपूर्ण पहलू है, जहां आप खुद में खुद को पहचानते हैं। इसके लिए आपको अपनी विश्वास प्रणाली पर पड़ी हुई परतों को हटाने की आवश्यकता है, जो आपको विशेष दिशा में कार्रवाई करने के लिए रोकती है। आपको अपनी मूल ताकत की पहचान कर अपने करियर के विकास के लिए उस क्षेत्र की पहचान करनी और उसका चयन करना है। ध्यान रहे अगर आपके निर्णय आपकी विश्वास प्रणाली से प्रभावित होते रहेंगे, तो आपकी यात्रा मूल रूप से कठिन हो जाएगी। इस विश्लेषण को करते समय आपके पास एक लचीली मानसिकता होनी चाहिए। यह लचीली मानसिकता आपको अपने तर्क और अपनी प्रभावित परतों से निपटने में अधिक व्यावहारिक होने में सहायक होगी।

निरंतर सुधार

तीसरा सबसे महत्वपूर्ण कदम है निरंतर सुधार। जब आप कोई निर्णय लेते हैं, तो उस पर निरंतर सक्रिय रहने के साथ-साथ समय-समय पर आवश्यक सुधार करते रहना बहुत जरूरी होता है। ऐसा करने के लिए संकल्प और फोकस की आवश्यकता होती है। क्योंकि संकल्प कमजोर पड़ सकता है अगर उसे निरंतर सही दिशा में चलते हुए सुधार के साथ सक्रिय न रखा जाए। अगर खुद के कार्य की समय-समय पर समीक्षा करते जाइए, तो आप निश्चित ही लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे।

(लेखर लाइफ कोच एवं राइटर हैं।)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.