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SC on Board Exams: CBSE, CISCE और राज्यों की ऑफलाइन बोर्ड परीक्षाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई संभव

SC on Board Exams 2022 सीबीएसई सीआइएससीई समेत विभिन्न राज्यों की कक्षा 10 और कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं के ऑफलाइन मोड में आयोजन के विरूद्ध उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गयी है। इसमें वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति से मूल्यांकन की मांग गयी है।

By Rishi SonwalEdited By: Published: Thu, 17 Feb 2022 03:19 PM (IST)Updated: Mon, 21 Feb 2022 07:06 AM (IST)
SC on Board Exams: CBSE, CISCE और राज्यों की ऑफलाइन बोर्ड परीक्षाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई संभव
सुप्रीम कोर्ट 21 फरवरी को ऑफलाइन बोर्ड परीक्षाओं पर दायर पीआइएल पर कर सकती है सुनवाई।

नई दिल्ली, एजुकेशन डेस्क। SC on Board Exams 2022: भले ही केंद्रीय बोर्डों – सीबीएसई और सीआइएससीई द्वारा कक्षा 10 और कक्षा 12 की टर्म 2 परीक्षाओं की तारीखें घोषित हो चुकी हैं एवं विभिन्न राज्यों में 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की डेटशीट जारी हो चुकी है लेकिन इन परीक्षाओं के ऑफलाइन मोड में आयोजन का लेकर देश भर के स्टूडेंट्स विरोध लगातार कर रहे हैं। अब, देश के विभिन्न राज्यों के छात्रों द्वारा उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया है।

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कुल 15 राज्यों के छात्र-छात्राओं ने मिलकर सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें मांग की गई है कि शीर्ष अदालत द्वारा सीबीएसई, सीआइएससीई समेत विभिन्न राज्यों के बोर्ड को निर्देश दें कि परीक्षाओं का आयोजन ऑफलाइन/फिजिकल मोड में न किया जाए। साथ ही, स्टूडेंट्स की मांग है कि उनका मूल्यांकन पिछले वर्ष की तरह वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति (Alternative Assessment Method) के माध्यम से किया जाए।

ऑफलाइन बोर्ड परीक्षाओं की पीआइएल पर 21 फरवरी को सुनवाई संभव

इंडिया वाइड पैरेंट्स एसोशिएसन की अध्यक्ष और अधिवक्ता अनुभा श्रीवास्तव सहाय द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए ट्वीट के अनुसार, छात्रों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में ऑफलाइन बोर्ड परीक्षाओं के विरूद्ध दायर पर आज यानि 21 फरवरी 2022 को सुनवाई की जा सकती है।

देश भर के स्टूडेंट्स के साथ-साथ पैरेंट्स द्वारा भी सीबीएसई, सीआइएससीई और विभिन्न राज्यों में बोर्ड परीक्षाओं के ऑफलाइन मोड में आयोजन की विरोध किया जाता रहा है। स्टूडेंट्स और पैरेंट्स का तर्क है कि जब कक्षाओं का आयोजन ऑनलाइन मोड में किया गया है तो परीक्षाओं का आयोजन ऑफलाइन मोड में नहीं किया जाना चाहिए। गुड़गांव पैरेंट्स एसोशिएसन के फाउंडर प्रदीप रावत का कहना है कि 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्र भी बोर्ड परीक्षा को लेकर डरे हुए हैं, क्योंकि शायद ही कोई ऑफलाइन शिक्षा आयोजित हुई है। ऐसे में हम छोटे बच्चों को बोर्ड परीक्षा देने के लिए कैसे कह सकते हैं।


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