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MAT 2020: ‘रिमोट प्रॉक्टरिंग इंटरनेट बेस्ड टेस्ट के जरिए स्टूडेंट घर बैठे ही दे सकेंगे ‘मैट’

MAT 2020 ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआइएमए) ने भी इस दिशा में एक नई पहल करते हुए रिमोट प्रॉक्टरिंग इंटरनेट बेस्ड टेस्ट (आइबीटी) शुरू किया है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 03:43 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 03:43 PM (IST)
MAT 2020: ‘रिमोट प्रॉक्टरिंग इंटरनेट बेस्ड टेस्ट के जरिए स्टूडेंट घर बैठे ही दे सकेंगे ‘मैट’
MAT 2020: ‘रिमोट प्रॉक्टरिंग इंटरनेट बेस्ड टेस्ट के जरिए स्टूडेंट घर बैठे ही दे सकेंगे ‘मैट’

नई दिल्ली, जेएनएन। MAT 2020: वैश्विक महामारी कोरोना के कारण उत्पन्न हालात को देखते हुए निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में भी फिजिकल डिस्टेंसिंग (शारीरिक दूरी) को काफी महत्व दिया जाएगा। सो, अब आगे का दौर ऑनलाइन परीक्षा यानी रिमोट प्रॉक्टरिंग का रहने वाला है। वैसे, छात्र और नियोक्ता दोनों के लिहाज से यह बेहद सुरक्षित प्रक्रिया है। एआइ तकनीक आधारित लाइव प्रॉक्टरिंग के जरिए विद्यार्थियों के साथ संपर्क में रहना आसान होता है।

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अच्छी बात यह है कि इसके माध्यम से घर से ही अपनी सुविधानुसार परीक्षा दी जा सकती है। ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआइएमए) ने भी इस दिशा में एक नई पहल करते हुए रिमोट प्रॉक्टरिंग इंटरनेट बेस्ड टेस्ट (आइबीटी) शुरू किया है। मौजूदा परिस्थिति में टेस्ट सेंटर्स पर परीक्षाएं आयोजित किए जाने की गुंजाइश न देखते हुए एआइएमए अब मैनेजमेंट एप्टिट्यूड टेस्ट (मैट) भी इस माध्यम से कराएगा यानी स्टूडेंट्स घर बैठे ही इस टेस्ट में शामिल हो सकते हैं, बशर्ते उनके पास वेब कैमरा युक्त कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्टिविटी होनी चाहिए।

माना जा रहा है कि कभी भी-कहीं भी (एनीटाइम-एनीह्वेयर) का यह विकल्प स्टूडेंट्स और बी-स्कूल्स दोनों के लिए वरदान की तरह है, क्योंकि इससे संभावित कैंडिडेट्स को क्वालिफाइंग टेस्ट में शामिल होने से वंचित नहीं होना पड़ेगा। दरअसल, परंपरागत माध्यम की तरह जहां परीक्षा हॉल में एक नियंत्रित माहौल के तहत निरीक्षक की निगरानी में परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, वैसा इस नए टेस्ट मोड में नहीं है। आइबीटी दे रहे कैंडिडेट्स की निगरानी दूर से एआइ बेस्ड टूल्स के जरिए होती है। इन टूल्स की विश्वसनीयता पहले से जांची-परखी हुई है। कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के टेस्ट्स का सफल आयोजन इस बात के प्रमाण हैं। इस माध्यम से टेस्ट देते समय अगर कोई कैंडिडेट निर्धारित मानदंडों की अवहेलना करते पाया जाता है, तो उसे पहले चेतावनी दी जाती है और अगर फिर भी बार-बार ऐसा किया जा रहा है तो उसे डिसक्वालिफाई कर दिया जाता है।

एआइएमए भी मजबूत सॉफ्टवेयर्स की मदद से इस दिशा में अपना पूरा प्रयास कर रहा है। इस माध्यम से परीक्षा देने वाले परीक्र्षािथयों को कोई दिक्कत न आए, इसके लिए एआइएमए की ओर से उन्हें मॉक टेस्ट्स सीरीज उपलब्ध कराने की तैयारी हो रही है ताकि वे खुद को इस नई व्यवस्था में ढाल सकें। एआइएमए की कोशिश यह भी है कि इसके डिस्टेंस एजुकेशन मैनेजमेंट प्रोग्राम्स, जैसे कि पीजीडीएम और पीजीडीआइटीएम आदि की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स की परीक्षाएं भी आगे इसी तकनीक से कराई जाएं।

गौरतलब है कि ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआइएमए) देश की एक सर्वोच्च मैनेजमेंट संस्था है, जिसके 37 हजार से अधिक सदस्य हैं। इसके संबद्धताप्राप्त 68 स्थानीय मैनेजमेंट एसोसिएशंस के तहत करीब 6 हजार कॉरपोरेट/इंस्टीट्यूशनल सदस्य हैं। 60 साल पहले स्थापित यह देश की एक नॉन- प्रॉफिट संस्था है, जो इंडस्ट्री, गवर्नमेंट, शैक्षणिक समुदाय और छात्रों के साथ मिलकर प्रबंधन पेशे को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करती है।

मैनेजमेंट की पढ़ाई में भी यह अपना योगदान देती है, जो मैट सरीखे अनेक टेस्ट आयोजित करने से लेकर डिस्टेंस एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट ऐंड ट्रेनिंग, एग्जीक्यूटिव एजुकेशन ऐंड मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम्स, इवेंट्स ऐंड कॉफ्रेंसेज, रिसर्च तथा पब्लिकेशंस जैसी विभिन्न सेवाएं भी ऑफर करती है। एमबीए तथा एलायड प्रोग्राम्स में दाखिले के लिए आयोजित होने वाले इसके मैनेजमेंट एप्टिट्यूड टेस्ट (मैट) को भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा भी वर्ष 2003 में नेशनल लेवल टेस्ट के रूप में मान्यता दे दी गई थी। इसी मैट स्कोर के आधार पर हर साल देश के करीब 600 बी-स्कूल में छात्रों को दाखिला दिया जाता है। एआइएमए द्वारा साल में चार बार (फरवरी, मई, सितंबर व दिसंबर) यह परीक्षा आयोजित की जाती है।

[रेखा सेठी, डायरेक्टर जनरल, एआइएमए]


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