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कामयाबी की राह पर चलने के लिए आत्मविश्वास और आत्मबल की ताकत जरूरी

आत्मविश्वास और आत्मबल की शक्ति से हर बाधा पार करके कोई भी मंजिल पाई जा सकती है, लेकिन ये दोनों शक्तियां हासिल करने के लिए सबसे पहले अपने भीतर बैठे हताशा के दशानन को हराना होगा।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 15 Oct 2018 01:45 PM (IST)Updated: Mon, 15 Oct 2018 02:59 PM (IST)
कामयाबी की राह पर चलने के लिए आत्मविश्वास और आत्मबल की ताकत जरूरी
कामयाबी की राह पर चलने के लिए आत्मविश्वास और आत्मबल की ताकत जरूरी

[अरुण श्रीवास्तव]। आत्मविश्वास और आत्मबल की शक्ति से हर बाधा पार करके कोई भी मंजिल पाई जा सकती है, लेकिन ये दोनों शक्तियां हासिल करने के लिए सबसे पहले अपने भीतर बैठे हताशा के दशानन को हराना होगा। दशानन इसलिए, क्योंकि हताशा दसियों तरह से हमें कमजोर करने और निराशा के सागर में डुबोने की सतत कोशिश करती है। अपनी कमजोरियों को तलाश कर और उन पर विजय हासिल करके ही इस हताशा को खुद से दूर रखा जा सकता है।

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किसी काम में सफलता न मिलने से निराशा होती है। लगातार और कई बार असफलता मिलने से यह निराशा हताशा में बदल जाती है। हताशा की स्थिति हावी हो जाने पर व्यक्ति को अपने अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न लगने लगता है। ऐसी स्थिति में अक्सर यह लगने लगता है कि हमें तो कुछ नहीं आता। संसार में सबसे निकम्मा आदमी मैं ही हूं। सुबह से शाम तक यही स्थिति बनी रहती है। छोटा से छोटा काम करने में भी आत्मविश्वास साथ नहीं देता।

नकारात्मकता की यह स्थिति लगभग दसियों तरीके से हम पर हमला करती है। लेकिन जिस तरह राम दस सिर वाले भयानक रावण से डरे बिना अपने आत्मबल की शक्ति से उसे हराने में सफल हुए, उसी तरह हम-आप भी अपने आत्मविश्वास को जगाकर और उसे लगातार मजबूत करते हुए हर तरह की नकारात्मकताओं को सदा के लिए दूर भगा सकते हैं। पर इस आत्मविश्वास को सिर्फ सोचने से ही नहीं पाया जा सकता। इसके लिए कर्मठता की राह पर चलते हुए कठिन उपक्रम भी करना होगा।

पहचानें कमजोरी

अगर किसी काम या प्रयास में आपको बार-बार नाकामी मिल रही है, तो ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि आप इसके कारणों की तलाश करें। सबसे पहले तो यह देखें कि आप जो प्रयास कर रहे हैं, क्या वह सही दिशा में है? क्या उसके लिए जरूरी अर्हता आपमें है? क्या उसमें आपका मन रम रहा है या फिर किसी दबाव में यह प्रयास कर रहे हैं? अगर उसमें रुचि है और मेहनत भी पूरी कर रहे हैं, तो देखें कि तैयारी के किस हिस्से में आपसे चूक हो रही

है या कहां कमजोर पड़ रहे हैं? जो भी कारण सामने आएं, उन पर मनन करें और उन्हें दूर करने का प्रयत्न करें। अगर किसी दबाव के कारण बेमन से प्रयास कर रहे हैं, तो अपनी पसंद के क्षेत्र को सामने रखने का साहस पैदा करें। उस बारे में परिजनों को भरोसे में लेने का प्रयास करें। किसी खास हिस्से में कमजोर पड़ने की वजह से असफल हो रहे हैं, तो भी आप आसानी से उसे जान सकते हैं। उस हिस्से से भागने की बजाय मन को मजबूत करके उसका सामना करें। जिद के साथ प्रयास करेंगे, तो उस कमजोरी को अपनी ताकत बना सकेंगे।

चुनें सही दिशा

किसी के कहे में आकर या किसी को देखकर या फिर पिता-परिजनों के दबाव में आकर अपनी रुचियों की कुर्बानी कतई न दें। अगर आप उनके थोपे को मन से स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं, यह समझते हैं कि उसमें बिल्कुल भी अच्छा नहीं कर पाएंगे, तो उन्हें साफ-साफ बता दें। डरें नहीं। इसके लिए अपने भीतर हिम्मत जुटाएं। उस समय थोड़े वक्त के लिए उन्हें बुरा जरूर लग सकता है, लेकिन जब आप प्यार और भरोसे के साथ उन्हें समझाएंगे, तो वे जरूर आपका साथ और समर्थन देने को तैयार हो जाएंगे। बस उन्हें यह विश्वास दिलाना होगा कि आप जो क्षेत्र चुन रहे हैं, उसमें कुछ न कुछ अच्छा करके दिखा देंगे, जिससे उन्हें भी वास्तविक खुशी मिलेगी।

सिर्फ सोचें नहीं, करें

हम अक्सर सोते-जागते बड़े-बड़े सपने देख लेते हैं और फिर ख्वाबों में भटकते रहते हैं। हमेशा याद रखें, कोई भी सपना हकीकत तभी बन पाता है, जब उसके लिए पूरी तरह व्यावहारिक होकर प्रयास किए जाते हैं। देश और दुनिया के सभी सफल और महान व्यक्तियों ने कहा है कि सपने जरूर देखें, लेकिन ऐसा करते हुए यह भी ध्यान रखें कि वह आपकी सक्षमता और योग्यता से जुड़ा हुआ हो। सपने देखने के बाद उसके लिए जो अपेक्षित योग्यताएं हैं, उनसे खुद को लैस करने का उपक्रम करें। ऐसा आप धीरे- धीरे कर सकते हैं।

ध्यान देने योग्य बातें

  • किसी दबाव में आने या दूसरों की सुनने- मानने की बजाय अपने मन की सुनें और अपनी पसंद की राह पर ही आगे बढ़ने का प्रयास करें।
  • पराजय या असफलता से घबराकर अपने प्रयासों में कमी न होने दें। अपनी कमजोरियों को दूर कर आगे फिर से प्रयास करें।
  • ‘ना’ शब्द को खुद से दूर रखें। अपने आत्मविश्वास को कभी भी कम न होने दें, क्योंकि आत्मविश्वास और मन की ताकत से आप कठिन से कठिन लक्ष्य भी हासिल कर सकते हैं।
  • उत्साह को अपनी आदत में शामिल करें। इससे कोई भी हार आपको निराश नहीं कर सकेगी। उत्साहित होने की वजह से आप आगे बढ़ते रहेंगे।  

मेहनत का मजा

बिना मेहनत के कोई भी मंजिल हासिल करना मुश्किल होता है। कई बार लगातार कड़ी मेहनत के बाद भी अपेक्षित कामयाबी नहीं मिल पाती। इसका मतलब यह नहीं कि हम मेहनत करना छोड़ दें। अगर आपको पता है कि आपके प्रयास सही दिशा में हैं, तो आपको यह भी पता होगा कि प्रयासों में किस खास जगह कमी रह जा रही है या चूक हो रही है। विश्वास और उत्साह के साथ पुन: प्रयास करें। एक न एक दिन कामयाबी मिलेगी ही।

तरकीब का साथ

कई बार मेहनत के साथ ट्रिक और स्मार्ट उपायों की जरूरत भी होती है। जब अनथक मेहनत के बाद भी कामयाबी हाथ न आती दिखे, तो देखें कि आप किस तरह कम मेहनत में स्मार्ट उपाय और ट्रिक से मंजिल की ओर बढ़ सकते हैं। कई बार कम समय और कम मेहनत में ही लंबी दूरी तय हो जाती है या बड़े से बड़े काम आसानी से हो जाते हैं। आज के समय में आपकेपास तमाम तरह की तकनीक की मदद उपलब्ध है। इनके जरिए आप अपने काम को आसान और स्मार्ट बना सकते हैं। कम समय में गुणवत्तायुक्त काम करने से हमारी अलग पहचान भी बनती है और इसकी वजह से भविष्य में नये प्रोजेक्ट को संभालने का श्रेय आपको मिल सकता है।

कम न हो उत्साह

कोई भी काम अच्छे तरीके से तभी हो पाता है, जब आप उसे पूरे उत्साह के साथ करते हैं। उत्साहित व्यक्ति लगातार आगे बढ़ने का प्रयास करता है, चाहे राह में कितनी ही मुश्किलें क्यों न आती रहें। जो लोग उत्साह और खुशी को अपनी आदत में शुमार कर लेते हैं, वे हार या असफलता से कभी भी निराश नहीं होते। इसकी बजाय वे दोगुने उत्साह के साथ प्रयास करते हैं। उनके भीतर मंजिल को पाने की जिद होती है, जिससे उनके प्रयास में जुनून आ जाता है।


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