पंजाब में स्थापित होंगे चार नए मेडिकल कॉलेज, 1500 करोड़ रूपये होगी लागत, पढ़ें डिटेल
Punjab चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री ओपी सोनी ने डॉ बी आर अंबेडकर राज्य आयुर्विज्ञान संस्थान की चारदीवारी का शिलान्यास करने के बाद कहा कि पंजाब में डॉक्टरों की कोई कमी नहीं होगी। क्योंकि हर वर्ष 500 डॉक्टर मेडिकल कॉलेजों से पास आउट हो जाएंगे।
Punjab: पंजाब सरकार राज्य में चार नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना करेगी। यह जानकारी मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च मिनिस्टर ओपी सोनी की तरफ से दी गई है। इस संबंध में पंजाब सरकार के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया है। जिसमें कहा गया है कि चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री ओपी सोनी ने बताया कि मोहाली, होशियारपुर, कपूरथला और मलेरकोटला में 1500 करोड़ रुपये की लागत से चार नए सरकारी मेडिकल कॉलेज बनने से राज्य में चिकित्सा शिक्षा को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री ओपी सोनी ने डॉ बी आर अंबेडकर राज्य आयुर्विज्ञान संस्थान की चारदीवारी का शिलान्यास करने के बाद कहा कि पंजाब में डॉक्टरों की कोई कमी नहीं होगी। क्योंकि, हर वर्ष 500 डॉक्टर मेडिकल कॉलेजों से पास आउट हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पंजाब के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की करीब 1,400 सीटें हैं, जो कॉलेज खुलने के साथ ही 500 तक बढ़ जाएंगी। मंत्री ओपी सोनी ने बताया कि सभी कॉलेजों के लिए जमीन उपलब्ध करा दी गई है, लेकिन, मोहाली में डॉ बी आर अंबेडकर स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के पहले शुरू होने की उम्मीद है, क्योंकि मौजूदा 300 बेड का अस्पताल है जिसे मेडिकल कॉलेज से जोड़ने के लिए इसे बढ़ाने की जरूरत है।
मंत्री ओपी सोनी ने कहा कि मोहाली में मेडिकल कॉलेज के लिए लगभग 80 प्रतिशत शिक्षकों की भर्ती की जा चुकी है। पैरामेडिक्स और अन्य सहायक कर्मचारियों की भर्ती के लिए प्रक्रिया जारी है। मेडिकल कॉलेज भवन का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा, जिसमें एक अकादमिक ब्लॉक, चार व्याख्यान थियेटर, प्रयोगशालाएं, छात्रावास, संकाय निवास, पुस्तकालय, सभागार और एक सामुदायिक केंद्र होगा। उन्होंने कहा कि लगभग 325 करोड़ रुपये बुनियादी ढ़ांचे पर खर्च किए जाएंगे, जबकि 50 करोड़ रुपये मोहाली मेडिकल कॉलेज में उच्च तकनीक वाले उपकरणों पर खर्च किए जाएंगे। मंत्री ने आगे कहा कि होशियारपुर और कपूरथला मेडिकल कॉलेजों के लिए कंसल्टेंट्स को मंजूरी दे दी गई है और भवन डिजाइन की समीक्षा की जा रही है। एक बार भवन के डिजाइन को अंतिम रूप देने के बाद इनके लिए भी निविदाएं मंगाई जाएंगी।