पढ़ाई के साथ-साथ करना चाहते हैं पार्ट टाइम जॉब, पढ़िए अपने सवालों के जवाब
आजकल छात्र अपनी आमदनी के लिए पार्ट टाइम जॉब करना चाहते हैं। इसी से संबंधित कई सवालों के जवाब हम देने जा रहे हैं।
नई दिल्ली, अरुण श्रीवास्तव। आगर आप एक छात्र हैं जो अपनी पढ़ाई के साथ-साथ आमदनी के लिए पार्ट टाइम जॉब भी करना चाहते हैं, लेकिन आपके मन में बहुत सारे प्रश्न हैं, तो घबराइए मत। आपके सभी प्रश्नों के जवाब हमारे पास हैं। जानिए किस तरह पार्ट टाइम जॉब के साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी पूरी कर सकते हैं।
प्रश्न- छात्र हूं। कंप्यूटर डिप्लोमा भी किया है। मैं अपनी पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट टाइम जॉब भी करना चाहता हूं, जिससे शिक्षण शुल्क के लिए कुछ आय हो सके और कुछ अनुभव भी मिल सके। क्या मैं जॉब कर सकता हूं? इससे बारे में यूजीसी के और कानूनी प्रावधान क्या हैं?
उत्तर- रेगुलर पढ़ाई के साथ कोई फुलटाइम जॉब तो नहीं किया जा सकता। हां, आप पार्टटाइम जॉब अवश्य कर सकते हैं। इस पर कोई रोक-टोक नहीं है। यह काम कंप्यूटर से संबंधित भी हो सकता है। लेकिन अगर आप यह काम करेंगे, तो इसका आपको लॉ से संबंधित काम में शायद ही फायदा मिले। अगर आप आगे अपना करियर लीगल सेक्टर में बनाना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि इससे संबंधित काम ही तलाशें। तब लॉ के बाद इस क्षेत्र में काम का अनुभव आपको कुछ फायदा पहुंचा सकता है।
प्रश्न- मैंने एसबीआइ का जूनियर एसोसिएट एग्जाम पास किया है। इसका ज्वाइनिंग शेड्यूल दिसंबर के पहले सप्ताह में है। लेकिन अभी रेगुलर एमकॉम के तहत तीसरे व चौथे सेमेस्टर की परीक्षा देनी है। मेरा प्रश्न यह है कि अगर मुझे ज्वाइनिंग में एक्सटेंशन नहीं मिलती, तो क्या मैं तीसरे-चौथे सेमेस्टर की परीक्षा अभी छोड़कर बाद में कर सकता हूं? तब क्या मेरा एमकॉम वैध होगा? कृपया सलाह दें। मेरी इच्छा नौकरी करने के साथ रेगुलर एमकॉम करने की भी है।
उत्तर- मेरे ख्याल से आपको पहले अपनी इस नौकरी को प्राथमिकता देनी चाहिए। हां, ज्वाइनिंग से पहले आप अपने शिक्षण संस्थान के प्रमुख से तीसरे-चौथे सेमेस्टर से ब्रेक लेने की अनुमति मांग सकते हैं, ताकि उसके आधार पर आगे नौकरी से अवकाश लेकर पढ़ाई कर सकें।
प्रश्न- मैं पीजी फर्स्ट सेमेस्टर में हूं। आगे क्या करूं, समझ में नहीं आ रहा है। क्या मैं 2019 में बीएड का फॉर्म भर दूं और प्राइवेट एमए करती रहूं? क्या ऐसा संभव है? या फिर एमए पूरा करने के बाद बीएड करूं? मेरे लिए और क्या बेहतर हो सकता है?
उत्तर- मैंने पहले भी कई बार लिखा है कि दो फुलटाइम कोर्स एक साथ नहीं किए जा सकते, भले ही उसमें से एक प्राइवेट ही क्यों न हो। अगर आप शिक्षण क्षेत्र से जुड़ना चाहती हैं, तो आपको एमए पूरा करने के बाद बीएड करना चाहिए। इसके अलावा, करियर की किसी भी दिशा में कदम बढ़ाने से पहले मन को शांत रखने का प्रयास करें, ताकि भटकाव से बच सकें। इसके बाद यह देखें कि वह कौन-सा क्षेत्र है, जो करियर की दृष्टि से आपके लिए अनुकूल हो सकता है और जिसमें आपकी अच्छी रुचि भी है। इसके बाद उससे संबंधित कोर्स करने के बारे में निर्णय लें।
प्रश्न- मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी से रेगुलर हिंदी पत्रकारिता एवं जनसंचार का तृतीय वर्ष का छात्र हूं। क्या मैं सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर सकता हूं, इसी वर्ष से?
उत्तर- यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएट होना चाहिए। चूंकि यह देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा से जुड़ी परीक्षा है, इसलिए इसकी फोकस्ड तैयारी में कम से कम एक से दो साल का समय तो लग ही जाता है। बेहतर होगा कि आप भी समय प्रबंधन करते हुए स्ट्रेटेजी के साथ अभी से तैयारी आरंभ कर दें। इससे फायदा यह होगा कि ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद आप काफी हद तक सिलेबस को कवर कर चुके होंगे और इस परीक्षा को लेकर आपके आत्मविश्वास का स्तर भी बढ़ चुका होगा।