स्क्रिप्ट राइटर, डबिंग आर्टिस्ट और एडिटर्स बनकर संवारें करियर, यहां है बेशुमार मौके
ओटीटी प्लेटफॉर्म की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए ही पुणे स्थित फिल्म ऐंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भी वेब सीरीज के लिए राइटिंग पर छह महीने का एक कोर्स शुरू किया है।
नई दिल्ली [परिचय दास]। अमेजन प्राइम, नेटफ्लिक्स सहित अन्य ओटीटी प्लेटफॉर्म की वेब सीरीज की लोकप्रियता और हिंदी के बड़े बाजार ने अच्छी हिंदी जानने वालों की मांग बढ़ा दी है। आज हर वेब फिल्म निर्माता को ताजा विषयों पर लिखने वाले स्क्रिप्ट राइटर्स और हिंदी में अच्छी आवाज-उच्चारण वाले डबिंग आर्टिस्ट की खूब जरूरत है। ओटीटी प्लेटफॉर्म की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए ही हाल ही में पुणे स्थित फिल्म ऐंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआइआइ) ने भी वेब सीरीज के लिए राइटिंग पर छह महीने का एक कोर्स शुरू किया है। आने वाले दिनों में हिंदी में करियर की खुलती इन्हीं संभावनाओं पर एक नजर...
प्रधानमंत्री मोदी का हिंदी प्रेम जगजाहिर है। वह अपने विदेशी दौरों में जिस तरह हिंदी में बोलकर इसका गौरव बढ़ा रहे हैं, वह हर किसी को प्रेरित-प्रोत्साहित करने वाला है। विश्वभर में चीनी के बाद यह सबसे ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा है। हाल के वर्षों में ऑनलाइन वीडियो चलाने वाले अमेजन प्राइम, हॉटस्टार और नेटफ्लिक्स जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉम्र्स के आने और शॉर्ट फिल्म व वेब सीरीज की सेटेलाइट चैनलों पर लोकप्रियता ने हिंदी के महत्व को काफी बढ़ाया है।
इसके अलावा, देश और दुनिया की तमाम बहुराष्ट्रीय कंपनियों के गांव, कस्बों और छोटे शहरों की तरफ रुख करने से भी हिंदी जानने वालों की मांग बढ़ी है। अपने ग्राहकों को हिंदी में सेवा उपलब्ध कराने के लिए कंपनियों को ऐसे लोगों की काफी जरूरत है, जो उन्हें हिंदी में कंटेंट से लेकर विज्ञापन, मैनुअल बुक और ब्रॉशर आदि उपलब्ध करा सकें। केपीएमजी द्वारा कराए गए एक सर्वे के अनुसार, इंटरनेट पर बढ़ते हिंदी/क्षेत्रीय कंटेंट की उपयोगिता को देखते हुए 2021 तक देश के कुल इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में हिंदी इस्तेमाल करने वालों की संख्या 70 फीसदी के पार पहुंच जाएगी। जाहिर है, इंटरनेट पर भी हिंदी में ऑनलाइन कंटेंट की मांग तेजी से बढ़ रही है।
स्क्रिप्ट राइटर/डबिंग आर्टिस्ट का जलवा
इन दिनों इंटरनेट और स्मार्टफोन का इस्तेमाल बढ़ने से वेब सीरीज फिल्में और धारावाहिक खूब देखे जा रहे हैं। ये सीरीज अमेजन प्राइम, टीवीएफ प्ले, नेटफ्लिक्स, हॉट स्टार, जी फाइव और यू-ट्यूब पर आराम से मिल जाती हैं। यह एंटरटेनमेंट के एक नए माध्यम के रूप में सामने आया है। दर्शकों के बीच वेब सीरीज की बढ़ती लोकप्रियता से एक्टर्स के अलावा स्क्रिप्ट राइटर्स और डबिंग आर्टिस्ट को भी खूब पहचान मिलने लगी है, जो इंडस्ट्री में काम तो काफी समय से कर रहे हैं, लेकिन इनके टैलेंट पर अब तक किसी की नजर नहीं गई थी।
बड़ी तादाद में बनने वाली वेब सीरीज के लिए नए विषयों पर लिखने वाले स्क्रिप्ट राइटर्स की आज इतनी आवश्यकता है कि हर फिल्म निर्माता हाथ पसारे खड़ा है कि कोई उनके पास नये-ताजा विषय लेकर आए। हॉलीवुड सहित दुनिया की लोकप्रिय फिल्मों, वेब फिल्मों को हिंदी में आवाज देने के लिए भी डबिंग आर्टिस्ट की जरूरत पड़ रही है। हिंदी जानने वाले युवा अपनी स्किल बढ़ाकर इन क्षेत्रों में अच्छी कमाई कर सकते हैं।
कंटेंट क्रिएटर्स के लिए मौके
ऑनलाइन कारोबार कर रही कंपनियां ग्रामीण या दूरदराज क्षेत्रों के ग्राहकों तक अपनी सेवाएं हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषाओं में मुहैया कराने पर काफी जोर दे रही हैं। कंपनियों के इस रुख के पीछे एक बड़ी वजह यह है कि इंटरनेट सेवा सस्ती हो जाने के कारण सभी उपभोक्ता अपनी भाषाओं में ही डिजिटल कंटेंट पसंद कर रहे हैं। लैंग्वेज टेक कंपनी रेवरी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन लैंग्वेजेज में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए आने वाले तीन वर्षों में हिंदी समेत बांग्ला, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु जैसी विभिन्न स्थानीय भाषाओं के कंटेंट क्रिएटर्स के लिए करीब एक करोड़ नई नौकरियां सामने आने की उम्मीद है।
लैंग्वेज एक्सपर्ट की मांग
भारतीय बाजार की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कंपनियां अपने मोबाइल एप और वेबसाइट पर प्रोडक्ट की जानकारी, डील, डिस्काउंट, ऑर्डर के भुगतान, ऑर्डर ट्रैक और ऑर्डर हिस्ट्री से संबंधित जानकारियां अब अंग्रेजी के अलावा हिंदी में भी देने लगी हैं। ई-कॉमर्स कंपनियों के अलावा रिटेल, फिनटेक, बैंकिंग एवं इंटरनेट व्यवसाय से जुड़े सभी उद्योग ऐसा कर रहे हैं।
यही वजह है कि स्कूल-कॉलेजों के अलावा सभी टेक कंपनियों में लैंग्वेज ट्रांसलेटर के साथ-साथ लैंग्वेज एक्सपर्ट की भी भारी मांग देखी जा रही है। लैंग्वेज सर्विस उपलब्ध कराने वाली एजेंसीज भी अपने यहां लैंग्वेज एक्सपर्ट रख रही हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में लोकल लैंग्वेज मोबाइल एप और लोकलाइजेशन एजेंसीज के माध्यम से सरल-सहज हिंदी में अपनी बात प्रभावी तरीके से रखने वाले लोगों के लिए नौकरियों के मौके और बढ़ेंगे।
ऑनलाइन हिंदी में अवसर
ऑनलाइन एजुकेशन के बढ़ते बाजार को देखते हुए इन दिनों कई एजुकेशनल वेब पोर्टल्स घर बैठे लोगों को परीक्षाओं की तैयारी करा रहे हैं। यहां पर ऑनलाइन कोर्सेज कराए जा रहे हैं। छात्रों को वर्जुअल कोचिंग क्लासेज के वीडियो उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जाहिर है जिन युवाओं की हिंदी पर अच्छी पकड़ है, हिंदी में शुद्ध लिखना और पढ़ना जानते हैं उनके लिए ऐसी जगहों पर टीचर के रूप में, कंटेंट क्रिएटर्स के रूप में अच्छी जॉब्स के मौके हैं।
विदेश में मिल रहा रोजगार: दुनियाभर के 50 से अधिक देशों के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में आज हिंदी पढ़ाई जा रही है। ऐसे में भारत के बाहर के विश्वविद्यालयों में हिंदी अध्यापन करके लोग डॉलर में कमाई कर रहे हैं। लेकिन विदेश में ज्यादातर उन्हीं अध्यापकों की मांग है जो हिंदी के अलावा उस देश की भाषा भी जानते हैं। इन विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवासी भारतीयों के अलावा तमाम विदेशी छात्र भी भारतीय संस्कृति को समझने और जानने के लिए हिंदी पढ़ते हैं।
हिंदी अधिकारी/अनुवादक
सरकारी कार्यालयों में हिंदी भाषा से जुड़े अनेक पद होते हैं, जैसे-हिंदी अधिकारी, राजभाषा अधिकारी, अनुवादक, स्टेनोग्राफर, टाइपिस्ट आदि। अगर अंग्रेजी में स्नातक के साथ हिंदी में एमए हैं, तो इन विभागों में हिंदी अधिकारी/राजभाषा अधिकारी, अनुवादक बनने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, विभिन्न देशों के दूतावासों में एंटरप्रेटर यानी दुभाषिए के रूप में अपने लिए नौकरी तलाश सकते हैं।
प्रिंट मीडिया
युवाओं के लिए हिंदी में पढ़ाई करने के बाद पत्रकारिता यानी न्यूजपेपर, मैग्जीन के क्षेत्र में भी काफी मौके हैं, जहां वे अपनी योग्यता और अनुभव के आधार पर उप संपादक, रिपोर्टर, संपादक के पदों पर नौकरी पा सकते हैं। इसके अलावा, प्रिंट मीडिया में फीचर राइटिंग, इंटरव्यू आदि विधाओं पर स्वतंत्र लेखन करके भी अच्छी पहचान हासिल की जा सकती है।
इलेक्ट्रॉनिक/न्यू मीडिया
टीवी, रेडियो के क्षेत्र में भी एंकरिंग, रिपोर्टिंग, कॉपी राइटिंग और न्यूज एडिटिंग के लिए कुशल लोगों की जरूरत होती है, जहां हिंदी के कैंडिडेट्स एंकर, रिपोर्टर, कॉपी एडिटर के रूप में अपना करियर शुरू कर सकते हैं। आजकल सभी न्यूज चैनल्स और न्यूजपेपर्स के अपने हिंदी न्यूज पोर्टल्स हैं। यहां भी सरल, सहज भाषा में खबर लिखने वाले वाले लोगों की जरूरत होती है।