अब ऑनलाइन कराया जाएगा पीएचडी प्री कोर्स वर्क, शोध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उठाया गया कदम
उच्च शिक्षा विभाग ने इसके लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी 10 दिन के भीतर ऑनलाइन प्रक्रिया से संबंधित अपना प्रस्ताव देगी और इसके बाद इसमें बदलाव किया जाएगा।
लखनऊ, जेएनएन। शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए अब और सख्ती की जाएगी। पीएचडी में दाखिला पाने से पहले छह महीने के पीएचडी प्री कोर्स वर्क को पारदर्शी बनाया जाएगा। पीएचडी प्री कोर्स वर्क और उसकी परीक्षा दोनों ऑनलाइन होंगी। उच्च शिक्षा विभाग ने इसके लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी 10 दिन के भीतर ऑनलाइन प्रक्रिया से संबंधित अपना प्रस्ताव देगी और इसके बाद इसमें बदलाव किया जाएगा।
विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों में पीएचडी में दाखिले से पहले छह महीने का पीएचडी प्री कोर्स वर्क करवाया जाता है। इसमें एक पेपर शोध क्रिया विधि और दूसरा संबंधित विषय का होता है। सौ-सौ अंकों के इन दो प्रश्नपत्रों की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थी को ही पीएचडी में दाखिला दिया जाता है। ऐसे में पीएचडी प्री कोर्स वर्क में गड़बड़ियों की शिकायतें भी सामने आती हैं। फिलहाल उच्च शिक्षा विभाग ने इससे निपटने के लिए पढ़ाई और परीक्षा ऑनलाइन करने का फैसला लिया है।
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से गठित की गई कमेटी में संयुक्त शिक्षा निदेशक (उच्च शिक्षा) डॉ. राजीव पांडेय, सहायक निदेशक (उच्च शिक्षा) डॉ. बीएल शर्मा, राजकीय महाविद्यालय सैदाबाद प्रयागराज के डॉ. अशोक कुमार वर्मा और राजकीय महाविद्यालय बादलपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा शामिल हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने वर्ष 2021 से शिक्षक पदों पर भर्ती के लिए पीएचडी अनिवार्य कर दी है।
फिलहाल उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग ने इसे अभी लागू नहीं किया है। ऐसे में यूजीसी की राष्ट्रीय अर्हता परीक्षा (नेट) व राज्य स्तरीय अर्हता परीक्षा (स्लेट) पास करने वाला अभ्यर्थी भी शिक्षक बन सकता है चाहे उसने पीएचडी की हो या नहीं। ऐसे में पीएचडी प्री कोर्स वर्क ऑनलाइन करने से उन शिक्षकों को भी राहत मिलेगी, जिन्होंने अभी तक पीएचडी नहीं की है। ऐसे शिक्षकों को कोर्स वर्क की पढ़ाई के लिए छुट्टी लेने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित कमेटी के संयोजक डॉ. राजीव पांडेय ने कहते हैं कि इससे पारदर्शिता तो बढ़ेगी ही बल्कि ऐसे तमाम शिक्षक जिन्होंने अभी तक पीएचडी नहीं की है वह भी आसानी से पीएचडी कर सकेंगे।