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खुशखबरी: विश्वविद्यालय में गेस्ट फैकल्टी का मानदेय हुआ 50 हजार

देशभर के विवि में गेस्ट फैकल्टी के प्रति पीरियड निर्धारित मानदेय को एक हजार रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये और मासिक मानदेय को 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 06:26 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 06:26 PM (IST)
खुशखबरी: विश्वविद्यालय में गेस्ट फैकल्टी का मानदेय हुआ 50 हजार

देहरादून, जेएनएन। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के विवि में गेस्ट फैकल्टी के प्रति पीरियड निर्धारित मानदेय को एक हजार रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये और मासिक मानदेय को 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया है। यह बढ़ोत्तरी सातवें वेतन आयोग को ध्यान में रखते हुए की गई है। 

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यूजीसी ने सभी विवि में गेस्ट फैकल्टी के रूप में सेवा देने वाले शिक्षकों के लिए नई गाइडलाइन भी जारी की है। यह निर्णय यूजीसी की बैठक में लिया गया। मानदेय बढ़ाने का आदेश यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन की ओर से जारी किया गया है। इसकी दून विवि के कुलपति ने पुष्टि की है। हालांकि यूजीसी ने विवि में गेस्ट फैकल्टी का मानदेय बढ़ाने के साथ-साथ यह भी निर्देशित किया है कि गेस्ट फैकल्टी को केवल स्वीकृत रिक्त पदों के सापेक्ष रखा जाएगा। 

विवि में स्वीकृत रिक्त पदों का 20 फीसद तक ही गेस्ट फैकल्टी से काम लिया जा सकता है। गेस्ट फैकल्टी की शैक्षिक योग्यता यूजीसी के नियमानुसार और रेगुलर असिसटेंट प्रोफेसर के समकक्ष होनी चाहिए। उन्हें विवि में नियमित टीचर जैसी सुविधाएं नहीं मिलेंगी। गेस्ट फैकल्टी की अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष तक होनी चाहिए। 

चयन को पांच सदस्य कमेटी जरूरी 

गेस्ट फैकल्टी की चयन प्रक्रिया के लिए पांच सदस्य कमेटी कुलपति की अध्यक्षता में बनानी जरूरी है। यह चयन कमेटी नियमित असिसटेंट प्रोफेसर के लिए गठित चयन कमेटी के जैसे ही परामर्श के बाद अपनी संतुति देगी। चयन कमेटी में कुलपति या कुलपति की ओर से मनोनीत चेयरमैन के अलावा एक विषय विशेषज्ञ होना चाहिए। साथ ही संबंधित विभाग के डीन, एक विभागाध्यक्ष के अलावा एक सदस्य आरक्षित श्रेणी जिसे कुलपति की ओर मनोनीत किया गया हो। चयन कमेटी में होंगे। 

दून विवि के कुलपति डॉ. चंद्रशेखर नौटियाल ने कहा कि यूजीसी की ओर से विवि के गेस्ट फैकल्टी का मानदेय बढ़ाना सकारात्मक निर्णय है। दून विवि में वर्तमान में करीब 30 गेस्ट फैकल्टी है। गेस्ट फैकल्टी का परिणाम व अनुभव विवि में बेहतर रहा है। 

केंद्रीय विवि के कुलपति का विशेष भत्ता बढ़ा 

केंद्रीय विश्वविद्यालय व डीम्ड विवि के कुलपति, प्रति कुलपति के अलावा विवि से संबद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य व स्नातक महाविद्यालय के प्राचार्यों का विशेष भत्ता मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने सातवें वेतनमान के अनुरूप बढ़ा दिया है। इस संदर्भ में एमएचआरडी की निदेशक डॉ. रेनुका मिश्रा ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) सचिव को पत्र के माध्यम से अवगत करवाया।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय विवि के कुलपति को अब प्रतिमाह विशेष भत्ता 11 हजार, 225 रुपये मिलेंगे। जबकि प्रति कुलपति को यह भत्ता नौ हजार रुपये प्रतिमाह मिलेगा। इसी प्रकार स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य को छह हजार सात सौ पचास रुपये व स्नातक महाविद्यालय के प्राचार्य को साढ़े चार हजार रुपये विशेष भत्ता प्रदान किया जाएगा। विशेष भत्ता बढ़ने से हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विवि के कुलपति, प्रतिकुलपति के अलावा देहरादून स्थित डीएवी पीजी कॉलेज, डीबीएस, एमकेपी एवं श्री गुरुरामराय पीजी कॉलेज के प्राचार्य को इसका लाभ मिलेगा। प्राचार्य परिषद के अध्यक्ष व श्री गुरुरामराय पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. वीए बोड़ई ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के इस निर्णय का स्वागत किया। 

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