NEET 2021 Admit Card: नीट परीक्षा एडमिट कार्ड में बदलाव से उम्मीदवार परेशान, 12 सितंबर को होना है एग्जाम
NEET 2021 Admit Card राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने नीट 2021 एडमिट कार्ड के साथ-साथ उम्मीदवारों के लिए एक अंडरटेकिंग और परीक्षा के लिए निर्देश भी जारी किये हैं जिनका प्रिंट-आउट उम्मीदवार नीट एडमिट कार्ड 2021 के साथ ही करना होगा।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। NEET 2021 Admit Card: राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (यूजी)-2021 में सम्मिलित होने के लिए परीक्षा के लिए आवेदन कर चुके उम्मीदवारों के एडमिट कार्ड हाल ही में, 6 सितंबर 2021 से डाउनलोड के लिए उपलब्ध करा दिये गये हैं। उम्मीदवार एनटीए के नीट परीक्षा पोर्टल, neet.nta.nic.in पर अपने अप्लीकेशन नंबर और जन्म-तिथि के विवरणों को भरकर अपना नीट 2021 एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। एनटीए ने नीट 2021 एडमिट कार्ड के साथ-साथ उम्मीदवारों के लिए एक अंडरटेकिंग और परीक्षा के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किये हैं, जिनका प्रिंट-आउट उम्मीदवार नीट एडमिट कार्ड 2021 के साथ ही करना होगा।
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ऐसे में जबकि देश भर के विभिन्न राज्यों से कुल 15 लाख से अधिक उम्मीदवारों वाली सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट दो दिन बाद 12 सितंबर 2021 को होने जा रही है, कुछ उम्मीदवार एनटीए द्वारा एडमिट कार्ड के प्रारूप में किये गये बदलाव से परेशान होने की जानकारी साझा कर रहे हैं। परीक्षा पोर्टल से नीट 2021 एडमिट कार्ड डाउनलोड किये ऐसे ही एक उम्मीदवार के पिता ने अपनी परेशानी साझा करते हुए बताया कि उन्होंने 6 सितंबर को जारी किये गये एडमिट कार्ड का नजदीकी साइबर कैफे से प्रिंट-आउट निकलवाया था। हालांकि, इसके बाद एनटीए द्वारा नीट एडमिट कार्ड 2021 के फॉर्मेट में पासपोर्ट साइज फोटो लगाने का बदलाव करते हुए नया प्रवेश जारी किया गया। इसके चलते उन्हें फिर से एडमिट कार्ड का प्रिंट-आउट साइबर कैफे से निकलवाना पड़ा। पैरेंट्स ने बताया कि साइबर कैफे वाला पांच पेज के प्रिंट के 50 रुपये चार्ज करता है, ऐसे में उन्हें दोबारा प्रिंट-आउट निकलवाना पड़ा।
आमतौर पर मेडिकल की पढ़ाई काफी महंगी मानी जाती है, लेकिन दाखिले के लिए नीट प्रवेश परीक्षा में कई निर्धन परिवारों के उम्मीदवार भी सम्मिलित होते हैं। ये उम्मीदवार सस्ती फीस वाले सरकारी कॉलेजों में दाखिले के लिए फाइट करते हैं और इन्हें सीमित संसाधनों में अधिक प्रयास करने होते हैं। ऐसे में जबकि परीक्षा दो दिन बाद आयोजित होनी है, एडमिट कार्ड में बदलाव से न सिर्फ उनकी अंतिम क्षणों की तैयारी बाधित होती है बल्कि थोड़ी मात्रा में ही सही लेकिन अति-निर्धन परिवारों से सम्बन्धित छात्रों पर आर्थिक दबाव तो पड़ता ही है।