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New Education Policy 2020: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की कड़ी प्रतिक्रिया

New Education Policy 2020 देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो गई है। अब इसे लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है।

By Rishi SonwalEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 04:08 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 04:08 PM (IST)
New Education Policy 2020: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की कड़ी प्रतिक्रिया
New Education Policy 2020: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की कड़ी प्रतिक्रिया

NEP 2020: देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो गई है। अब इसे लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दिल्ली सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि नई शिक्षा नीति सभी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को बहु-विषयक बनाने की परिकल्पना करती है। आईआईटी को इंजीनियरिंग, आईआईएम को प्रबंधन, एम्स को मेडिकल और एफटीआईआई को अभिनय के साथ डील करने दें। देश की प्रतिभाओं के लिए ऐसे बड़े संस्थानों का दायरा अच्छा नहीं होगा।

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उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि नई शिक्षा नीति पुअरली फंडेड और हाईली रेगुलेटेड है। इसमें बहुत अधिक नियमों और निरीक्षण की व्यवस्था शामिल की गई  है, जबकि इसमें फंडिंग के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं । नई नीति में राज्य स्तर पर एक शिक्षा विभाग, एक निदेशालय, एक रेगुलेटरी अथॉरिटी, एक शिक्षा आयोग, एससीईआरटी और शिक्षा बोर्ड जैसे निकाय होंगे। इतनी सारी एजेंसियां होने से शिक्षा के कार्य उलझ जायेंगे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा पर जीडीपी का 6 प्रतिशत खर्च करने की बात कही गई है। जबकि, यह वर्ष 1966 से कोठारी कमीशन के वक्त से ही कही जा रही है, लेकिन इसको लेकर अब तक कोई कानून बनाने की बात नहीं हुई है।

उपमुख़्यमंत्री ने कहा कि 12वीं तक की शिक्षा राइट टू एजुकेशन एक्ट के अंतर्गत लाने पर भी नई नीति में स्पष्ट नहीं किया गया है। वर्तमान में, आरटीई के तहत आठवीं तक शिक्षा मुफ्त है, जिसे बढ़ा कर 12वीं तक लागू किया जाना चाहिए था। इसके अलावा 6 साल में बनाई गई इस शिक्षा नीति में यदि फंडिंग और कानूनी सीमाएं जैसे मुख्य प्रश्न ही हल नहीं किए तो शिक्षा नीति का कार्यान्वयन आसान नहीं है।


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