डांस और म्यूजिक में रुचि रखने वालों को स्नातक कोर्स कराएगा जेएनयू, जल्द शुरू होंगे एडमिशन
विश्वविद्यालय में नया स्कूल ऑफ ट्रेडिशनल डांस एंड म्यूजिक शुरू किए जाने का फैसला हुआ है। साथ ही नया पाठ्यक्रम आर्युवेद बॉयोलॉजी भी शुरू किया जाएगा।
नई दिल्ली[राहुल मानव]। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की मंगलवार को हुई अकादमिक परिषद (एसी) की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। जेएनयू की तरफ से देश की पारंपरिक लोक नृत्य और संगीत को मूर्त रूप देने की पहल की जा रही है। विश्वविद्यालय मेें नया स्कूल ऑफ ट्रेडिशनल डांस एंड म्यूजिक शुरू किए जाने का फैसला हुआ है। साथ ही जेएनयू के स्कूल ऑफ संस्कृति एंड इंडिक स्टडीज में स्नातक का नया पाठ्यक्रम आयुर्वेद बॉयोलाॅजी शुरू किया जाएगा।
मंगलवार को एसी की बैठक जेएनयू के कुलपति प्रो एम.जगदीश कुमार के नेतृत्व में हुई। इसमें जेएनयू के रेक्टर भी मौजूद थे। जेएनयू के रेक्टर-2 प्रो सतीश चंद्र गार्कोटी ने दैनिक जागरण संवाददाता से बातचीत में एसी बैठक में हुए महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में जानकारी दी। प्रो सतीश ने बताया कि जेएनयू में ट्रेडिशन डांस और म्यूजिक के लिए नया स्कूल खुलने से देश भर के उन तमाम छात्रों को काफी फायदा होगा, जिन्होंने लोक नृत्य और संगीत में महारथ हासिल की हुई है। 12वीं करने के बाद छात्र इस स्कूल के स्नातक कोर्स में दाखिला ले सकते हैं।
यह अपनी तरह का पहला पाठ्यक्रम होगा, जहां पर ऐसे प्रतिभा से धनी छात्रों के दाखिले होंगे। जो पांरपरिक नृत्य और संगीत में निपूर्ण हैं। किसी को तबले में महारथ हासिल है तो किसी को लोक नृत्य में। तो वह स्कूल ऑफ ट्रेडिशनल डांस एंड म्यूजिक में दाखिला ले सकेंगे। एसी की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगने के बाद नवंबर में होने वाली कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में इसे रखा जाएगा। ईसी की बैठक के बाद इस स्कूल के निर्माण और इसके पाठ्यक्रम की प्रणाली पर काम शुरू होगा।
देश भर के कला के प्रतिष्ठित प्रतिभा से धनी हस्ती एडवाइजरी कमेटी में होंगी शामिल -
प्रो सतीश ने बताया कि स्कूल ऑफ ट्रेडिशनल डांस एंड म्यूजिक के लिए दो कमेटी का गठन किया गया है। एक कमेटी इस स्कूल के पाठ्यक्रम की प्रणाली पर कई काम करेगी। पाठ्यक्रम के सभी बिंदुओं को व्यवस्थित ढंग से तैयार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त एक एडवाइजरी कमेटी का भी गठन किया गया है। जिसमें जेएनयू के सदस्यों के साथ ही देश भर के लोक नृत्य एवं संगीत जैसी कला के प्रतिष्ठित प्रतिभा से धनी हस्ती भी सदस्य के रूप में शामिल होंगी। वह इस स्कूल विभिन्न बिंदुओं पर फैसला करेंगे।
आयुर्वेद बाॅयोलाॅजी का नया बीएससी पाठ्यक्रम होगा शुरू-
प्रो सतीश चंद्र गार्कोटी ने बताया संस्कृत को सिर्फ भाषा के रूप में ही लोग जानते हैं, लेकिन इसमें असीम ज्ञान का भंडार मौजूद है। जिसके बारे में छात्रों को जानना चाहिए। स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज में नया आयुर्वेद बॉयोलॉजी का बीएससी पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम के जरिए देश की पांरपरिक ज्ञान को आधुनिक ढांचे के अनुरूप ढालकर छात्रों तक पहुंचाया जाएगा। आयुर्वेद के ज्ञान में बहुत सी चीजें मौजूद हैं। यह विज्ञान के लिए काफी लाभदायक है। आज के दौर में ऐसे ही पाठ्यक्रम की जरूरत है।