DU के हजारों शिक्षकों को बड़ी राहत, नहीं हटाए जाएंगे एड हॉक टीचर्स; MHRD मिनिस्ट्री ने किया एलान
जब तक स्थायी नियुक्तियां नहीं होती हैं तब तक तदर्थ शिक्षक स्थायी शिक्षक अनुबंध शिक्षक व अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियां की जाएं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय में एड हॉक शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एलान किया है कि तदर्थ शिक्षकों (Ad-hoc Teachers) को नहीं हटाया जाएगा। मंत्रालय ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से मुलाकात के बाद एक सर्कुलर जारी किया है। जिसके मुताबिक दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के तदर्थ शिक्षकों को अब नहीं हटाया जाएगा। डीयू में स्थायी पदों के लिए नियुक्तियों की प्रक्रिया के पूरा होने तक तदर्थ शिक्षकों की नियुक्यिां की जाएंगी।
इससे पहले अखबर थी कि मानव संसाधन विकास मंत्रलय (एमएचआरडी) के उच्च शिक्षण संस्थानों के सचिव आर सुब्रमण्यम ने डीयू शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद मंत्रालय की और से यह फैसला लिया। इससे अलावा डीयू की तरफ से 28 अगस्त को स्थायी नियुक्तियों की प्रक्रिया के पूरे होने तक अतिथि शिक्षकों को नियुक्त करने के फैसले को भी मंत्रालय ने बदलते हुए निर्णय लिया है कि डीयू के कॉलेज व संस्थानों में अगले अकादमिक सत्र के शुरू होने से पहले स्थायी नियुक्यिां की जाएं।
जब तक स्थायी नियुक्तियां नहीं होती हैं तब तक तदर्थ शिक्षक, स्थायी शिक्षक, अनुबंध शिक्षक व अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियां की जाएं। बुधवार व गुरुवार को डूटा की तरफ से 28 अगस्त के पत्र को वापिस लेने की मांग समेत अन्य मांगों के लिए हड़ताल शुरू की गई थी। जिसमें डीयू के शिक्षकों ने दिसंबर में हो रही परीक्षा मूल्यांकन का बहिष्कार कर दिया था।
गुरुवार को डूटा के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रो. रजनीश जैन भी मौजूद थे। वहीं हड़ताल को खत्म करने को लेकर डूटा ने कहा है कि वह इस विषय में आज कोई फैसला लेंगे।
डूटा का आंदोलन अनुचित: डीयू प्रशासन
डीयू के रजिस्ट्रार प्रो. तरुण दास ने कहा कि डूटा का आंदोलन अनुचित है। एक दिसंबर को डूटा के साथ बातचीत हुई थी और उनसे कहा गया था कि अभी डीयू में सेमेस्टर परीक्षा का आयोजित हो रही हैं। ऐसे में वह छात्रों के हितों के तहत परीक्षा मूल्यांकन में शामिल हों। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि डीयू प्रशासन की अपील को नहीं माना गया। कुछ अलोकतांत्रिक तत्व ¨हसा में शामिल हुए और इन्होंने अकादमिक गतिविधियों में बाधा डाली। इसकी निंदा की जाती है। डीयू ने डूटा को कहा कि शिक्षकों की स्थायी तौर पर नियुक्ति की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है।