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CBSE Class 10th Exam 2019: क्राइटेरिया बदला, पास होने के लिए चाहिए सिर्फ 33% मार्क्स

अगले साल CBSE 10वीं की बोर्ड परीक्षा में छात्रों को लिखित एवं आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा में पास होने के लिए कुल 33 फीसद अंक ही लाने होंगे।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 09 Oct 2018 08:15 AM (IST)Updated: Fri, 12 Oct 2018 09:15 AM (IST)
CBSE Class 10th Exam 2019: क्राइटेरिया बदला, पास होने के लिए चाहिए सिर्फ 33% मार्क्स
CBSE Class 10th Exam 2019: क्राइटेरिया बदला, पास होने के लिए चाहिए सिर्फ 33% मार्क्स

नई दिल्ली (जेएनएन)। 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए अच्छी खबर है। अगले साल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं की बोर्ड परीक्षा में छात्रों को लिखित एवं आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा में पास होने के लिए कुल 33 फीसद अंक ही लाने होंगे। सीबीएसई के सूत्रों ने बताया कि यह प्रणाली अगले साल 2019 में होने वाले 10वीं की बोर्ड परीक्षा में लागू की जाने की संभावना है।

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पहले यह था नियम
सीबीएसई 10वीं बोर्ड की लिखित परीक्षा में पहले 80 में से 33 फीसद अंक लाना पास होने के लिए अनिवार्य था। प्रैक्टिकल के 20 अंकों में से 33 फीसद अंक अनिवार्य होता था।

मार्च 2018 की परीक्षा में हुआ था बदलाव
सीबीएसई की तरफ से फरवरी 2018 में 10वीं बोर्ड की परीक्षा से पहले एक अधिसूचना जारी की गई थी कि पहले के नियम से छात्रों को रियायत दी जाएगी। इसके जरिए छात्रों को लिखित और प्रैक्टिकल दोनों मिलाकर 33 फीसद अंक ही पास होने के लिए चाहिए होंगे। यानी कि छात्रों को पहले के नियम की तरह लिखित में 33 फीसद और प्रैक्टिकल में 33 फीसद अंक लाने की जरूरत नहीं होगी।

यह कहना है सीबीएसइ का
सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अभी इसको लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन इस बात की संभावना बहुत अधिक है कि लिखित और आतंरिक मूल्यांकन परीक्षा में कुल 33 फीसद अंकों की व्यवस्था आगे भी जारी रह सकती है। शैक्षणिक सत्र 2016- 17 तक बोर्ड परीक्षा के लिए निर्धारित कुल 80 और आंतरिक मूल्यांकन के 20 अंकों में से अलग-अलग 33 फीसद अंक लाने की अनिवार्यता थी। अब विद्यार्थियों को दोनों परीक्षाओं में अलग-अलग 33 फीसद अंक लाने से छूट मिलेगी। छात्र के यदि दोनों परीक्षाओं में कुल मिलाकर 33 फीसद अंक आते हैं तो उसे पास माना जाएगा।

बोर्ड की चेयरमैन अनीता करवाल ने फरवरी 2018 में कहा था कि ये नियम सिर्फ साल 2018 के छात्रों के लिए है. लेकिन उस वक्त ये नियम लागू नहीं किया गया। सीबीएसई के देश भर में 18,000 से ज्यादा स्कूल. उम्मीद जताई जा रही है कि 2019 में सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा में 10 लाख से अधिक छात्र शामिल हो सकते हैं।
 

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