Good News for CBSE Students: जानें- कैसे साइबर खतरों से छात्रों को बचाएगी सीबीएसई की नई हैंडबुक
Good News for CBSE Students बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि छात्रों को ऑनलाइन दोस्ती की सीमा तय करने के साथ ही जीवन के मित्रों के साथ ऑनलाइन संवाद की सीमा भी तय करनी होगी।
नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। Good News for CBSE Students: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) ने छात्रों को आभासी दुनिया के खतरों से बचाने के लिए साइबर सुरक्षा हैंडबुक तैयार की है। हैंडबुक में 'बदले की भावना से अश्लील साहित्य या सामग्री' के प्रकाशन अथवा प्रसारण को लेकर चेतावनी के साथ ही ऑनलाइन दोस्ती की सीमा तय करने, दूसरों की सहमति का सम्मान करने तथा किसी भी तरह की परेशानी पर बड़ों को इस बारे में जानकारी देने जैसी बातें शामिल हैं। लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन शैक्षिक गतिविधियों के बढ़ने से छात्रों का ज्यादातर समय डिजिटल माध्यमों पर व्यतीत होने लगा है। ऐसे में आभासी दुनिया के खतरों ने ब्वॉयज लॉकर रूम का मामला सबसे बड़ा उदाहरण है।
बोर्ड ने यह हैंडबुक कक्षा नौवीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए तैयार की है। इस किताब में छात्रों के साथ ही अभिभावकों के लिए भी कई दिशा-निर्देश हैं। बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि छात्रों को ऑनलाइन दोस्ती की सीमा तय करने के साथ ही वास्तविक जीवन के मित्रों के साथ ऑनलाइन संवाद की सीमा भी तय करनी होगी। साथ ही छात्र लिखित शब्दों, तस्वीरों या वीडियो के तौर पर क्या साझा कर रहे हैं, इसकी एक सीमा होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि छात्र उन लोगों से बात न करें जो अश्लील तस्वीरें या वीडियो साझा करने को कहे। साथ ही उस व्यक्ति की ऑनलाइन दोस्ती की पेशकश कभी स्वीकार न करें जिससे आप व्यक्तिगत रूप से न मिले हों। उन्होंने कहा कि लड़कों को लड़कियों के साथ समान भाव व सम्मान के साथ बात करना सीखना चाहिए।
अधिकारी के मुताबिक अभी भारत में डिजिटल सहमति की कोई न्यूनतम उम्र नहीं है। अगर ऑफलाइन ऐसे लोग हैं, जिनसे अपने शारीरिक या यौन अनुभवों के बारे में बात करते हुए आप असहज महसूस करते हैं तो इस बात की भी उम्मीद है कि आप ऑनलाइन अजनबियों के साथ चैट करते हुए भी असहज महसूस करेंगे। साइबर क्षेत्र पर नजर रखने वाले फर्जी अकाउंट बना लोगों से दोस्ती करते हैं और उनका मकसद लोगों को नुकसान पहुंचाने का होता है।