DUSU Election 2019: छात्र संगठन सक्रिय, हॉस्टल फीस वृद्धि समेत इन मुद्दों को दी जाएगी तरजीह
DUSU Election 2019 डीयू ने छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए केंद्रीय परिषद का गठन कर दिया है जिन पर डूसू चुनाव को आयोजित कराने की जिम्मेदारी होगी।
राहुल मानव, जेएनएन। DUSU Election 2019: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में चुनावी हलचल बढ़ गई है। डीयू ने छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए केंद्रीय परिषद का गठन कर दिया है। केमिस्ट्री विभाग के प्रोफेसर अशोक प्रसाद को मुख्य चुनाव अधिकारी, बॉटनी विभाग की प्रो. रूपम कपूर को चीफ रिटर्निग ऑफिसर, फैकल्टी ऑफ लॉ की शिक्षक डॉ. पिंकी शर्मा को रिटर्निग ऑफिसर, फैकल्टी ऑफ लॉ की शिक्षक डॉ. मीना पाणिकर को अतिरिक्त सदस्य और कॉमर्स विभाग की डॉ. आभा शुक्ला को अतिरिक्त सदस्य नियुक्त किया गया है। इन सभी पर डूसू चुनाव को आयोजित कराने की जिम्मेदारी होगी।
कुलपति प्रो. योगेश त्यागी ने विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों के प्राचार्यो और प्रमुखों को डूसू चुनाव के लिए चुनाव अधिकारी नियुक्त किया है। पिछले वर्ष 11 सितंबर को डूसू चुनाव हुए थे और अगले दिन नतीजों की घोषणा हुई थी। उम्मीद है कि सितंबर के दूसरे सप्ताह तक डूसू चुनाव होगा। सितंबर के पहले सप्ताह में छात्र संगठनों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव के पदों के उम्मीदवारों के नामंकन होंगे। इस वर्ष छात्र संगठन हॉस्टल की फीस वृद्धि, डीयू की लाइब्रेरी को चौबीस घंटे सातों दिन खोले जाने के मुद्दे को तरजीह देंगे।
आज से एबीवीपी शुरू करेगी चुनाव प्रचार
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने पिछले वर्ष डूसू चुनाव में तीन पदों (अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव) पर जीत हासिल की थी। उसे उम्मीद है कि इस वर्ष सचिव पद पर भी जीत होगी। एबीवीपी के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा कि बुधवार से डीयू के सभी कॉलेजों में एबीवीपी के सदस्य चुनावी प्रचार शुरू कर देंगे। डूसू की केंद्रीय परिषद का गठन हो गया है।
एबीवीपी अपनी उपलब्धियों के एक पर्चे को 16 अगस्त को चुनावी प्रचार के लिए जारी करेगी। 20 और 21 अगस्त को आठ से दस उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेंगे। इनमें से चार उम्मीदवार चारों पदों पर चुनाव लड़ेंगे। हमारा सबसे बड़ा मुद्दा रहेगा कि पूरक (सप्लीमेंट्री) परीक्षा को फिर से आयोजित कराया जाए। डीयू के तीसरे वर्ष के छात्रों को परीक्षा में पास न होने पर दोबारा परीक्षा देने के लिए एक साल का समय लगता है। इससे छात्रों का एक साल बर्बाद होता है। हम चाहते हैं कि डीयू प्रशासन इसे दो महीने में ही आयोजित करे।
डीयू में कुछ विभागों के पाठ्यक्रमों में बदलाव को लेकर जो रस्साकशी हुई है, वह भी मुद्दा बनेगा। इन विभागों के पाठ्यक्रमों में कुछ आपत्तिजनक सामग्री शामिल करके उसे अकादमिक परिषद से पास कराने का एजेंडा चलाया गया। हम चाहते हैं कि डीयू की अकादमिक परिषद (एसी) में छात्रों के प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देते हुए उन्हें इसमें शामिल किया जाए।
एनएसयूआइ अगस्त के तीसरे हफ्ते में जारी करेगा अपना मेनिफेस्टो
कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) ने डूसू चुनाव को लेकर कमर कस ली है। पिछले वर्ष एनएसयूआइ ने सभी छात्रों के लिए एक मेनिफेस्टो जारी करने के साथ ही छात्रओं के लिए अलग मेनिफेस्टो जारी किया था। इस वर्ष उत्तर पूर्वी भारत के छात्रों के लिए अलग से मेनिफेस्टो जारी करेगा।
इस मामले में एनएसयूआइ के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा ने कहा कि मेनिफेस्टो अगस्त के तीसरे हफ्ते में जारी हो जाए। उन्होंने बताया कि डीयू में छात्र सदस्यता कार्यक्रम भी शुरू कर दिया है। एनएसयूआइ ने डीयू में हाल ही में एंटी-रेगिंग अभियान भी शुरू किया है। इस तरह के छात्रों से जुड़े कई कार्यक्रम हमारी तरफ से आयोजित किए जाते रहे हैं।
चुनाव छात्रों की समस्याओं पर लड़ा जाना चाहिए
डीयू के अकादमिक परिषद के सदस्य डॉ. रसाल सिंह ने बताया कि डीयू ने डूसू चुनाव के लिए केंद्रीय परिषद का गठन कर दिया है। इसकी तरफ से डूसू चुनाव का आयोजन किया जाएगा। डीयू का छात्र संघ चुनाव छात्र-छात्रओं की समस्याओं के आधार पर ही लड़ा जाना चाहिए।
डीयू की पाठ्यसामग्री और उसकी निर्माण प्रक्रिया छात्र-छात्रओं से संबंधित मामला है, क्योंकि यह उनके भविष्य से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। वे भी पाठ्यक्रमों के अनिवार्य हित धारक हैं। इसलिए औपनिवेशिक पाठ्यक्रमों का विरोध करते हुए पाठ्यक्रम को दुरुस्त करने की लड़ाई लड़ना प्रत्येक छात्र का अधिकार है और ऐसा करना उसका कर्तव्य भी है।
बैसोया के मुद्दे पर घेरेंगे
एनएसयूआइ ने कहा कि एबीवीपी को पिछले वर्ष एबीवीपी के छात्र नेता रहे अंकिव बैसोया के मुद्दे पर घेरेंगे। अंकिव ने फर्जी डिग्री से डीयू में दाखिला लिया था।
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