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अब छात्रों को राइटिंग ही नहीं रीडिंग पर भी देना होगा खास ध्यान, सीबीएसई आयोजित करेगा प्रतियोगिताएं

बोर्ड का मानना है कि छात्र अगर अच्छी रीडिंग करते हैं तो उनका व्यक्तित्व विकास होता है। इसके लिए प्रतियोगिताएं भी होंगी।

By Neel RajputEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 01:00 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 01:00 PM (IST)
अब छात्रों को राइटिंग ही नहीं रीडिंग पर भी देना होगा खास ध्यान, सीबीएसई आयोजित करेगा प्रतियोगिताएं
अब छात्रों को राइटिंग ही नहीं रीडिंग पर भी देना होगा खास ध्यान, सीबीएसई आयोजित करेगा प्रतियोगिताएं

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने संस्था रीडिंग लिट्रेसी’ के माध्यम से छात्रों के बेहतर विकास के लिए विशेष प्रयास किए हैं। इसके तहत विद्यालय में अब राइटिंग ही नहीं रीडिंग पर भी समान ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए सीबीएसई ने शुरुआत कर दी है। अब छात्र जब किताब पढ़ेंगे तो उनकी अपनी शैली होगी। कठिन शब्दों के अर्थ भी साथ में बताने होंगे। क्या लिखा है उसे समझना भी होगा।

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बोर्ड का मानना है कि छात्र अगर अच्छी रीडिंग करते हैं तो उनका व्यक्तित्व विकास होता है। इसके लिए प्रतियोगिताएं भी होंगी। बोर्ड के अनुसार, अच्छी रीडिंग का अर्थ है कि अच्छे उच्चारण के साथ पढ़ा जाए, ताकि लोगों के समझ में आए। कहां अर्ध विराम है, कहां विराम है, यह स्पष्ट हो। जो जानकारी छात्र के पास है, उसे वे उस टेक्स्ट के साथ रीडिंग में समझा सकें। जो जानकारी लेखक देना चाहता है, उसे समझाने की क्षमता भी हो।

बच्चों के लिए प्रतियोगिता

बोर्ड पहले हर स्कूल में रीडिंग प्रतियोगिता कराएगा। हर शहर से छह छात्रों का चयन करेगा। इसके बाद एक और प्रतियोगिता होगी। छह छात्रों के नाम बोर्ड को भेजे जाएंगे। दूसरे राउंड में चार से सात जनवरी के बीच यह प्रतियोगिता कराई जाएगी। हर रीजन के 50 छात्रों को पुरस्कृत किया जाएगा।

स्टूडेंट मॉड्यूल पर दर्ज नहीं हैं 16,745 बच्चों के आधार

शिक्षा निदेशालय की ओर से स्टूडेंट मॉड्यूल पर बच्चों के आधार नंबर दर्ज करने के निर्देशों के प्रति अधिकतर स्कूल गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय की योजना शाखा ने सर्कुलर जारी किया है। सकरुलर के मुताबिक 941 स्कूलों में 16,745 बच्चों के आधार नंबर अब तक स्टूडेंट मॉड्यूल पर दर्ज नहीं किए गए हैं। स्टूडेंट मॉड्यूल की जांच के बाद योजना शाखा ने ये आंकड़े जारी किए हैं। स्कूलों की ओर से विभागीय निर्देशों का पालन न किए जाने पर शिक्षा निदेशालय ने सख्ती दिखाई है।

योजना शाखा ने सभी स्कूल प्रमुखों (एचओएस) को व्यक्तिगत रूप से इन मामलों की जांच करने और बच्चों के आधार नंबर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं, ताकि 100 फीसदी आधार डेटा बेस तैयार किया जा सके। इसके साथ ही स्कूलों को बच्चों के आधार कार्ड की एक फोटोकॉपी रिकॉर्ड में रखने के लिए कहा है। किसी भी डुप्लीकेट कॉपी को स्वीकार नहीं किया जाएगा।


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