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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने MPPSC परीक्षा के संबंध में की यह बड़ी घोषणा, अभ्यर्थी अपडेट करें चेक

मध्य प्रदेश सरकार ने एमपीपीएससी परीक्षा के संबंध में अभ्यर्थियों को बड़ी सहूलियत दी है। राज्य सरकार ने परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की अधिकतम आयु सीमा में छूट देने का फैसला लिया है। इस संबंध में सीएम ने घोषणा की है।

By Nandini DubeyEdited By: Published: Tue, 20 Sep 2022 10:28 AM (IST)Updated: Tue, 20 Sep 2022 10:39 AM (IST)
मध्य प्रदेश सरकार (MP govt) ने एमपीपीएससी परीक्षा के संबंध में बड़ा फैसला लिया है

 नई दिल्ली, एजुकेशन डेस्क। MPPSC Exam: मध्य प्रदेश सरकार (MP govt) ने एमपीपीएससी परीक्षा के संबंध में  बड़ा फैसला लिया है। इसके अनुसार, राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की आयु सीमा बढ़ाने का फैसला किया गया है। राज्य सरकार ने यह निर्णय इसलिए लिया गया, क्योंकि COVID-19 महामारी के चलते एमपीपीएससी की परीक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकीं और इस दौरान कई उम्मीदवारों ने योग्य आयु पार कर ली थी। ऐसे में, इन अभ्यर्थियों की समस्या को समझते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने यह अहम फैसला लिया है।

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आधिकारिक वेबसाइट पर जाने के लिए इस डायरेक्ट लिंक पर करें क्लिक 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने घोषणा की है कि, एमपीपीएससी की परीक्षाओं में बैठने वाले उम्मीदवारों की आयु सीमा में तीन साल की वृद्धि की घोषणा की।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, “हाल के वर्षों में COVID-19 महामारी के कारण MPPSC परीक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकीं और इस बीच, कई उम्मीदवारों ने अधिकतम आयु सीमा कर ली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समस्या से जूझ रहे कई उम्मीदवार उनसे मिले हैं और उनका खुद मानना ​​है कि यह उन लोगों के साथ अन्याय है, जिन्होंने पात्र उम्र पार कर ली है। उन्होंने कहा, "हमने सिर्फ एक बार के लिए अधिकतम आयु सीमा में तीन साल की छूट देने का फैसला किया है, ताकि ऐसे उम्मीदवारों के साथ न्याय हो सके। हालांकि कैंडिडेट्स इस बात का ध्यान रखें कि यह सिर्फ एक साल के लिए हैं। 

एमपीपीएससी के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि फिलहाल में अनारक्षित वर्ग के लिए आयु सीमा 40 वर्ष है, जबकि महिलाओं और अनुसूचित जनजाति (एसटी), अनुसूचित जाति (एससी), आर्थिक कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए यह 45 वर्ष है। 


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