KSEEB Result 2020: PUC और SSLC परीक्षा के परिणाम जुलाई से अगस्त के बीच में होंगे जारी, पढ़ें अपडेट
KSEEB Result 2020 कर्नाटक सेकंड प्री यूनिवर्सिटी कोर्स (2nd PUC) और सेकंडरी स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (SSLC) परीक्षा 2020 में शामिल अभ्यर्थियों के लिए जरूरी खबर है।
KSEEB Result 2020: कर्नाटक सेकंड प्री यूनिवर्सिटी कोर्स (2nd PUC) और सेकंडरी स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (SSLC) परीक्षा 2020 में शामिल अभ्यर्थियों के लिए जरूरी खबर है। कर्नाटक सेकंडरी एजुकेशन एग्जामिनेशन बोर्ड (KSEEB) द्वारा सेकंड पीयूसी परीक्षा का परिणाम जुलाई 2020 के अंतिम सप्ताह तक जारी किया जाएगा। जबकि कर्नाटक एसएसएलसी परीक्षा का परिणाम अगस्त 2020 के पहले सप्ताह में जारी किये जाने की संभावना है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह जानकारी कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस. सुरेश कुमार ने दी है।
मंत्री एस. सुरेश कुमार ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से बात करते हुए बताया है कि हम अगस्त के पहले सप्ताह तक एसएसएलसी परिणाम जारी करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। वहीं जुलाई के अंतिम सप्ताह में सेकंड पीयूसी परिणाम घोषित किये जाएंगे। बता दें कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और अन्य राज्यों ने जहां 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को सामान्य पदोन्नति देने का निर्णय लिया है, वहीं इसके विपरीत कर्नाटक सरकार ने कोरोनोवायरस महामारी के बीच बची हुई परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया है। राज्य में सभी सावधानियों और सुरक्षा के बीच कर्नाटक एसएसएलसी परीक्षा आयोजित की जा रही है। इसके बाद भी हाल ही में एक छात्र के कोविड-19 पॉजिटिव होने की खबर खबर प्रकाश में आई थी। परीक्षाएं 5 जुलाई, 2020 तक आयोजित की जाएंगी। अन्य राज्यों और राष्ट्रीय बोर्डों के विपरीत कर्नाटक बोर्ड 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को परीक्षा के बिना पदोन्नत नहीं कर रहा है।
बता दें कि मंत्री एस. सुरेश कुमार ने स्कूलों की फीस बढ़ाने के मामले पर भी बात की है। बताया कि उन्हें एक रिपोर्ट मिली है, जिसके अनुसार सरकार के आदेश की अनदेखी की गई है। 1,150 स्कूलों ने अपनी फीस में वृद्धि की है, जिसमें 450 स्कूलों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। बताया कि हमने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि कोरोनोवायरस के प्रकोप को देखते हुए फीस न बढ़ाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए, मानवता यही कहती है कि बच्चों की फीस में वृद्धि नहीं होनी चाहिए।